झाबुआ- आधिकारिक पुस्टि नहीं हुई है खबरे सूत्रों के हवाले से आ रही है झाबुआ ब्लास्ट के आरोपी राजेंद्र कांसवा अरेस्ट हो गया है। पुलिस ने उसे महाराष्ट्र से पकड़ा है। मंगलवार की रात उसकी पत्नी और बच्चे को इंदौर में पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया था। उनसे पूछताछ के बाद राजेंद्र को पकड़ा जा सका। इससे पहले कांसवा के दो भाई महाराष्ट्र बॉर्डर पर पकड़ाए थे। बता दें कि राजेंद्र उस गोदाम का मालिक है जहां पेटलावद में पिछले दिनों ब्लास्ट हुआ था।
जिसमें 90 लोगों की मौत हुई थी। ब्लास्ट के मुख्य आरोपी राजेंद्र कांसवा का भाई नरेंद्र शनिवार को विस्फोट के बाद घटनास्थल पर मौजूद था। जब लोगों की भीड़ घायलों को हॉस्पिटल पहुंचा रही थी और मृतकों के परिजन लाशों के ढेर व चिथड़ों के बीच अपनों को ढूंढ रहे थे, तब वह घटना का पूरा जायजा ले रहा था। लोग कहीं भड़क न जाए, इस डर से नरेंद्र और उसका भाई फूलचंद कांसवा परिवार सहित फरार हो गए।
दोनों भाई रतलाम होते हुए महाराष्ट्र भागने के फिराक में थे। ब्लास्ट का मुख्य आरोपी राजेंद्र कांसवा शॉट फायर सर्टिफिकेट की आड़ में विस्फोटक (जिलेटिन रॉड व ईडी) रखता था। भास्कर के पास कांसवा के शॉट फायर सर्टिफिकेट की कॉपी है। सर्टिफिकेट 16 मार्च 2015 को जारी हुआ था, जिसकी वैधता 5 जनवरी 2020 तक थी।
इसमें साफ लिखा है कि वह माइनिंग एक्ट 1992 के अंतर्गत जमीन के ऊपर विस्फोट करने के लिए वैध है। लेकिन उसे विस्फोटक रखने की मंजूरी नहीं है।
लोगों ने बताया हादसे के एक दिन पहले शुक्रवार रात में ट्रक से बड़ी संख्या में माल आया था जो खाद की बोरियों में था। हमेशा की तरह खाद की बोरियां उतरना ही लोग समझ रहे थे।
इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम मंगलवार दोपहर ब्लास्ट के मुख्य आरोपी राजेंद्र कांसवा के घर गईं। हालांकि कुछ भी हाथ नहीं लगा। इसके बाद दोबारा घर को सील कर दिया गया। हादसे की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज आर्येंद्र कुमार सक्सेना करेंगे। इस एक सदस्यीय जांच आयोग तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। आयोग का मुख्यालय इंदौर होगा।एजेंसी