देवघर: नागरिकता संशोधन कानून पर सियासी बवाल और इसको लेकर पूर्वोत्तर के कुछ सीएम की अपील के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसमें कुछ बदलाव के संकेत दिए हैं। झारखंड के गिरिडीह में चुनावी रैली के दौरान शाह ने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने मुझसे (कानून में) कुछ बदलाव करने को कहा है। मैंने उन्हें (संगमा) क्रिसमस के बाद मिलने के लिए कहा है। हम मेघालय के वास्ते रचनात्मक तरीके से समाधान ढूंढने के लिए सोच सकते हैं। किसी को डरने की जरूरत नहीं है।
इससे पहले मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि राज्य के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए वह समर्पित हैं। शाह का नागरिकता कानून पर यह बयान बेहद अहम माना जा रहा है। पश्चिम बंगाल, केरल, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ (6 राज्य) पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वे अपने राज्यों में नागरिकता कानून को नहीं लागू करेंगे।
#WATCH HM Amit Shah in J’khand y’day: Abhi CAB aya hai… Kal Meghalaya CM mujhe mile,unka aagreh tha ki kuch parivartan karne padenge. Maine unhe kaha hai ki aaram se beth kar sakaratmak roop se soch kar Meghalaya ki samasya ka samadhan nikalenge. Kisi ko darne ki zaroorat nahi pic.twitter.com/0LAQTFbYQL
— ANI (@ANI) December 15, 2019
इधर, गिरिडीह, बाघमारा और देवघर विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी जनसभाओं में अमित शाह ने शनिवार को कांग्रेस पर नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप भी लगाया। शाह ने कहा, ‘हम नागरिकता संशोधन अधिनियम लेकर आए हैं और कांग्रेस को पेट दर्द होने लगा है। वह उसके खिलाफ हिंसा भड़का रही है।’ शाह ने पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वासन दिया कि इस अधिनियम से उनकी संस्कृति, भाषा, सामाजिक पहचान और राजनीतिक अधिकार प्रभावित नहीं होंगे।
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी संस्कृति, सामाजिक पहचान, भाषा, राजनीतिक अधिकारों को नहीं छुआ जाएगा। नरेंद्र मोदी सरकार उनकी रक्षा करेगी।’
उधर, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ असम में हालात तनावपूर्ण हैं। संसद में बिल के आने के बाद से ही पूर्वोत्तर समेत असम के अलग-अलग इलाकों में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। इस बीच असम के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत का कहना है कि राज्य में फिलहाल हालात काबू में हैं और उपद्रवियों से सख्ती से निपटा जाएगा। गुवाहाटी में लगातार दूसरे दिन कर्फ्यू में ढील देने के बाद लोग जरूरी कामकाज के लिए बाहर निकल रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि राज्य के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए वह समर्पित हैं।
वहीं, पश्चिम बंगाल में हिंसक विरोध तेज होता जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील के बावजूद आगजनी और हिंसा की घटनाएं थमी नहीं है। हिंसक प्रदर्शनों की आंच से राज्य के चार जिले बुरी तरह प्रभावित हैं। विरोध कर रहे लोगों के निशाने पर बसें, ट्रेन, पुलिस की गाड़ियां और रेलवे स्टेशन हैं। कई जगह पुलिस से हिंसक झड़प की भी खबर है। हिंसक प्रदर्शनों की वजह से लंबी दूरी की 28 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है।