नई दिल्ली: दलित नेता और गुजरात से पहली बार विधायक बने जिग्नेश मेवाणी की संसद मार्ग से पीएम निवास तक ‘युवा हुंकार रैली’ को दिल्ली पुलिस ने इजाजत नहीं दी है। पुलिस ने 26 जनवरी की सुरक्षा के मद्देनज़र रैली की इजाज़त नहीं दी है। इसके बावजूद इस रैली में शामिल होने के लिए जिग्नेश मेवाणी पहुंच चुके हैं। वहीं पार्लियामेंट स्ट्रीट पर दिल्ली पुलिस ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है। पुलिस आंसू गैस और वाटर कैनन के साथ तैयार है।
इस रैली में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और रोहित वेमुला की मां को भी शामिल होना था लेकिन वह अभी तक नहीं पहुंची है। जिग्नेश मेवाणी थोड़ी देर में जनसभा को संबोधित करेंगे। मेवाणी के साथ मंच पर भीम सेना के सदस्य भी नजर आए। पार्लियामेंट स्ट्रीट पर दिल्ली पुलिस ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया।
जिग्नेश मेवाणी ने भी ट्वीट कर बीजेपी को चुनौती दी है। जिग्नेश ने लिखा है कि बांध ले बिस्तर बीजेपी, राज अब जाने को है, ज़ुल्म काफ़ी कर चुके, पब्लिक बिगड़ जाने को है। नई दिल्ली के डीसीपी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि रैली के आयोजकों को लगातार किसी और जगह पर जाने का सुझाव दिया जा रहा है, लेकिन वो मान नहीं रहे हैं।
इस रैली में मेवाणी के साथ आरटीआई एक्टिविस्ट अखिल गोगोई भी शामिल होने वाले हैं। रैली से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि 2 जनवरी को इस रैली के ऐलान के बाद से ही इसे रोकने की कोशिश की जा रही है। इस रैली का ऐलान करते हुए जिग्नेश ने कहा था कि हम पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने जाएंगे।
उन्होंने कहा था कि हमारे एक हाथ में संविधान होगा और दूसरे हाथ में मनु स्मृति। मेवाणी ने कहा था कि ये रैली सामाजिक न्याय के लिए है। भीमा कोरेगांव लड़ाई की सालगिरह पर हुई हिंसा के मामले में जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसके बाद जिग्नेश मेवाणी ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा था। ‘सामाजिक न्याय’ रैली या ‘युवा हुंकार रैली’ की योजना तैयार की गयी थी जिसे मेवाणी और असम के किसान नेता अखिल गोगोई को संबोधित करना है।
आपको बता दें कि एनजीटी ने पिछले साल पांच अक्तूबर को अधिकारियों को जंतर मंतर रोड पर धरना, प्रदर्शन, लोगों के जमा होने, भाषण देने और लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल संबंधी गतिविधियां तत्काल रोकने का आदेश दिया था। आयोजकों में से एक और जेएनयू के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष मोहित कुमार पांडेय ने कहा, “इस कार्यक्रम को रोकने के लिए बहुत प्रयास किए जा रहे हैं और यहां तक कि कुछ मीडिया घराने गलत सूचना भी फैला रहे हैं कि रैली के लिए इजाजत नहीं दी गई है।”
पांडेय ने एजेंसी को बताया कि दो जनवरी को रैली की घोषणा किए जाने के बाद से, “मेवाणी को एक देशद्रोही और शहरी नक्सली बताने वाले पोस्टरों पर बहुत सारा पैसा खर्च किया गया है।” उन्होंने कहा कि रैली पूर्व निर्धारित समय पर ही होगी।