नई दिल्ली – बीते दिनों से बीमार चल रहे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद (79 वर्ष) का निधन हो गया है। वे बीते दिनों से बीमार थे और श्रीनगर से एयरलिफ्ट कर उन्हें बीती 24 दिसंबर को एम्स में भर्ती कराया गया था। उनके निधन की जानकारी राज्य के शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने दी है।
उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के बाद आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उन्हें एम्स के आईसीयू में भर्ती कराया गया था, इसके बावजूद सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। उनके फेफड़ों में इंफेक्शन हो गया था। देशभर के नेताओं ने मुफ्ती मोहम्मद के निधन पर अफसोस जताया है।
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि यह राज्य के लिए बड़ी क्षति है।
पार्थिव देह को जम्मू-कश्मीर स्थित मुफ्ती के गृह नगर ले जाया जाएगा और वहीं उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
मुफ्ती के बीमार रहते ही चर्चा शुरू हो गई थी कि पीडीपी की प्रधान महबूबा मुफ्ती को राज्य की केयरटेकर मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी जल्द सौंपी जा सकती है। तब कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में महबूबा को केयरटेकर सीएम बनाने के अलावा कोई स्थायी विकल्प नहीं है। वहीं पीडीपी नेतृत्व ने भी दबे लफ्जों में महबूबा को नई जिम्मेदारी देने की पैरवी की है।
मुफ्ती दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे और एक बार केंद्र में गृह मंत्री भी रहे। मुफ्ती मोहम्मद सईद का जीवन देश के गृहमंत्री रह चुके मुफ्ती मोहम्मद सईद का जन्म 12 जनवरी 1936 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के बिजबेहरा गांव में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद सईद ने श्रीनगर के एस पी कॉलेज और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से कानून और अरब इतिहास की पढ़ाई की।
मुफ्ती मोहम्मद सईद की चुनावी सफलता का अधिकतर श्रेय महबूबा मुफ्ती को दिया जाता है जिन्होंने पार्टी के लिए कैडर को सक्रिय और संगठित करने का काम किया। पिछले साल के विधानसभा चुनाव में उनके मोलभाव के कौशल के चलते प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा अस्तित्व में आई।