नई दिल्ली- जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय [जेएनयू] में राष्ट्र विरोधी नारे लगने वाले मामले में कश्मकश बढ़ती जा रही है ! इसी मामले में कैंपस बुधवार देर रात तक चली जेएनयू छात्रों की परिषद बैठक में इस संबंध में फैसला किया गया है कि विवादास्पद कार्यक्रम में कथित भूमिका के लिए कारण बताओ नोटिस का सामना कर रहे जेएनयू छात्र विश्वविद्यालय के जांच पैनल की रिपोर्ट वे स्वीकार नहीं करेंगे और इसी के हिसाब से अपना जवाब देंगे।
परिषद के एक सदस्य ने कहा कि जांच रिपोर्ट अनुचित जांच प्रक्रिया पर आधारित है। परिषद के सदस्यों ने कहा कि हम इसके तथ्यों को स्वीकार नहीं करते। इसी के अनुसार कारण बताओ नोटिस का जवाब भेजा जाएगा। इससे पहले जेएनयू ने 21 छात्रों को दिए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब देने की समय सीमा बढ़ाकर 18 मार्च कर दी गई। एक जांच समिति ने नौ फरवरी के विवादास्पद कार्यक्रम के सिलसिले में उन्हें नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया था।
गौरतलब है कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी का विरोध करने के लिए जेएनयू में नौ फरवरी को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए, जिसके बाद जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को 12 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल दिल्ली उच्च न्यायालय ने उसे छह महीने की अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया।