इस प्रोटेस्ट मार्च के अलावा JNU कैंपस में लेफ्ट दलों से जुड़े नेताओं ने भाषण भी दिए और देश के दंगों के लिए बीजेपी और RSS को जिम्मेदार ठहराया।
देश का प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी ( जेएनयू) एक बार फिर विवादों में है । दो दिन पहले एक डॉक्यूमेंट्री पर शुरू हुआ विवाद अभी थमा भी नहीं था कि अब विवादित नारेबाजी करने की वजह से सुर्खियों में है ।
दरअसल, बाबरी मस्जिद की 29वीं बरसी पर छात्र संगठन SFI और AISA की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी एक बार फिर चर्चा में है। यहां 6 दिसंबर की रात जेएनयूएसयू द्वारा बाबरी मस्जिद के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया गया। इतना ही नहीं आरोप है कि यहां बाबरी मस्जिद के समर्थन में नारे लगे और इसे दोबारा बनाने की मांग भी उठाई गई ।
छात्रों की ओर से एक विरोध मार्च निकाला गया लेकिन इसी मार्च में कई ऐसे नारे लगाए गए कि कैंपस का माहौल गर्म हो गया है ।
6 दिसंबर की रात को जेएनयूएसयू द्वारा एक प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया, जिसमें बाबरी मस्जिद तोड़े जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शन के लिए जेएनयूएसयू द्वारा रात 8:30 बजे गंगा ढाबा पर बड़ी संख्या में लेफ्ट विंग के छात्र को बुलाया गया था । यहां से छात्र मार्च निकालते हुए चंद्रभागा हॉस्टल तक पहुंचें।
छात्रों के प्रदर्शन के दौरान विवादास्पद नारे लगाए गए। खासतौर पर बीजेपी , आरएसएस और सरकार के खिलाफ आपत्तनिजनक नारे लगाए गए ।
छात्रों की इस नारेबाजी के बाद अब एबीवीपी की ओर से शिकायत की गई है कि जल्द से जल्द एक्शन लें ताकि कैंपस का माहौल खराब नहीं हो।
इस प्रोटेस्ट मार्च के अलावा JNU कैंपस में लेफ्ट दलों से जुड़े नेताओं ने भाषण भी दिए और देश के दंगों के लिए बीजेपी और RSS को जिम्मेदार ठहराया।
पिछले एक हफ्ते के अंदर JNU कैंपस में 2 विवादित कार्यक्रम हुए हैं पहले बिना इजाजत एक डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर विवाद हुआ और अब विवादित नारेबाजी हुई है।
आपको बता दें कि जेएनयू में विवादित नारेबाजी पर पहले भी बवाल हो चुका है। साढ़े पांच साल पहले 9 फरवरी 2016 को अफजल गुरु की बरसी पर विवादित नारे लगे थे। यह मामला अभी कोर्ट में है।
इसी मामले के बाद जेएनयू कैंपस से कन्हैया कुमार सुर्खियों में आए और राजनीति के मैदान में उतरे ।अब बाबरी विध्वंस की बरसी पर 6 दिसंबर 2021 को भी विवादित नारेबाजी हुई है। जिसमें बीजेपी और RSS के ख़िलाफ़ अपशब्दों का इस्तेमाल हुआ है।