भारतीय सेना के सभी रैंकों की ओर से महान नायक भैरोसिंह के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए माल्यार्पण किया गया। उन्होंने कहा कि भैरो सिंह की वीरता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी और देश उनकी बहादुरी को याद रखेगा।
1971 के लोंगेवाला युद्ध में असाधारण पराक्रम दिखाने वाले भैरों सिंह राठौड़ ने एम्स में अंतिम सांस ली। उन्हें कुछ दिन पूर्व एम्स में भर्ती कराया गया था जहां आईसीयू में उनका उपचार चल रहा था लेकिन लगातार गिरते स्वास्थ्य के कारण आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गए और उनका निधन हो गया। उनके निधन पर सेना सहित कई अन्य संस्थाओं के अधिकारियों ने अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की है। भैरू सिंह का शव बीएसएफ कैंप में रखवाया गया है जहां से मंगलवार को उनके गांव सोलंकियातला में अंतिम संस्कार किया जाएगा। पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत समेत तमाम लोगों ने भैरव सिंह के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की है।
80 साल की उम्र में हुआ निधन1971 युद्ध की 51वीं वर्षगांठ से दो दिन पहले 14 दिसंबर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जोधपुर में भर्ती कराया गया। उन्हें शरीर के मूवमेंट में दिक्कत हो रही थी। जिसके बाद उनको आईसीयू में भर्ती किया गया था, लेकिन उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट होती गयी। 2 दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी भैरू सिंह के पुत्र सवाई सिंह से दूरभाष पर वार्तालाप किया था। निधन की जानकारी मिलने पर बीएसएफ के अधिकारी भी यहां पहुंचे जहां पूरे सम्मान के साथ राष्ट्रीय ध्वज भैरू सिंह को समर्पित किया गया। जिसके बाद उनके कॉफिन को एम्स मोर्चरी से बीएसएफ एसटीसी कैंप ले जाया गया। ऐम्स मोर्चरी के बाहर विभिन्न समाज, बीएसएफ के अधिकारियों, एम्स प्रशासन और भूतपूर्व सैनिकों की ओर से भैरव सिंह को अंतिम विदाई दी गई। 14वीं बीएसएफ बटालियन में तैनात भैरों सिंह राठौड़ 1987 में सेवानिवृत्त हुए। भैरों सिंह राठौड़ की दिखाई वीरता के लिए उन्हें 1972 में सेना पदक मिला।
भारतीय सेना ने व्यक्त किया गहरा शोक
1971 के लोंगेवाला युद्ध में असाधारण पराक्रम दिखाने वाले भैरों सिंह राठौड़ ने एम्स में अंतिम सांस ली। उन्हें कुछ दिन पूर्व एम्स में भर्ती कराया गया था जहां आईसीयू में उनका उपचार चल रहा था लेकिन लगातार गिरते स्वास्थ्य के कारण आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गए और उनका निधन हो गया। उनके निधन पर सेना सहित कई अन्य संस्थाओं के अधिकारियों ने अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की है। भैरू सिंह का शव बीएसएफ कैंप में रखवाया गया है जहां से मंगलवार को उनके गांव सोलंकियातला में अंतिम संस्कार किया जाएगा। पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत समेत तमाम लोगों ने भैरव सिंह के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की है।
80 साल की उम्र में हुआ निधन1971 युद्ध की 51वीं वर्षगांठ से दो दिन पहले 14 दिसंबर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जोधपुर में भर्ती कराया गया। उन्हें शरीर के मूवमेंट में दिक्कत हो रही थी। जिसके बाद उनको आईसीयू में भर्ती किया गया था, लेकिन उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट होती गयी। 2 दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी भैरू सिंह के पुत्र सवाई सिंह से दूरभाष पर वार्तालाप किया था। निधन की जानकारी मिलने पर बीएसएफ के अधिकारी भी यहां पहुंचे जहां पूरे सम्मान के साथ राष्ट्रीय ध्वज भैरू सिंह को समर्पित किया गया। जिसके बाद उनके कॉफिन को एम्स मोर्चरी से बीएसएफ एसटीसी कैंप ले जाया गया। ऐम्स मोर्चरी के बाहर विभिन्न समाज, बीएसएफ के अधिकारियों, एम्स प्रशासन और भूतपूर्व सैनिकों की ओर से भैरव सिंह को अंतिम विदाई दी गई। 14वीं बीएसएफ बटालियन में तैनात भैरों सिंह राठौड़ 1987 में सेवानिवृत्त हुए। भैरों सिंह राठौड़ की दिखाई वीरता के लिए उन्हें 1972 में सेना पदक मिला।
भारतीय सेना ने व्यक्त किया गहरा शोक
लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह ने, पुणे स्थित दक्षिणी सेना कमांडर और लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर, बनजर्ट कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग और भारतीय सेना के सभी रैंकों की ओर से, महान नायक भैरोसिंह के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए माल्यार्पण किया गया। उन्होंने कहा कि भैरो सिंह की वीरता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी और देश उन्हें मातृभूमि की क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए उनके समर्पण और निष्ठा के लिए याद रखेगा।