मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रज़ाक से सवाल पूछने की कोशिश पर एक ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार और कैमरामैन को कुछ देर के लिए हिरासत में ले लिया गया !
जीहां ऑस्ट्रेलियाई चैनल एबीसी के पत्रकार लिंटन बेसर और लुई इरोग्लम ने शनिवार को प्रधानमंत्री नजीब रज़ाक से भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों पर सवाल पूछना चाहा था ! रज़ाक ने इन आरोपों से इनकार किया था !
पुलिस ने उन्हें पहले हिरासत में लिया और बाद में बिना आरोप लगाए रिहा कर दिया ! हालांकि वो देश छोड़कर नहीं जा सकते ! ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री जूली बिशप ने इस घटना को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताया है !
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने ये मामला मलेशियाई अधिकारियों के सामने उठाया है ! एबीसी ने बिशप के हवाले से कहा है कि वो हमेशा ऐसे मामलों पर चिंता व्यक्त करती हैं, जहां बोलने की आज़ादी पर रोक लगाई जाती है, ख़ासकर लोकतांत्रिक देशों में !
मलेशियाई उप-प्रधानमंत्री अहमद ज़ाहिद हमीदी ने कहा कि उनका देश मीडिया के कामकाज में बाधा नहीं पहुंचा रहा है, लेकिन विदेशी मीडिया को पत्रकारिता की नैतिकता का पालन करना चाहिए !
मलेशियाई पुलिस के मुताबिक़ पत्रकारों ने प्रधानमंत्री तक पहुंचने के लिए सुरक्षा घेरा तोड़ा था ! चैनल ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है !
प्रधानमंत्री नजीब रज़ाक पर 68.1 करोड़ डॉलर के भ्रष्टाचार के आरोप हैं ! वैसे तो अभियोजन पक्ष ने उन्हें इन आरोपों से बरी कर दिया है, लेकिन उनके ख़िलाफ़ कई अंतरराष्ट्रीय जांचें अभी भी जारी है !
इस मामले में एबीसी ने बताया कि पुलिस ने उन्हें छह घंटे तक हिरासत में रखा और उन्हें कुचिंग में बने रहने को कहा क्योंकि अधिकारी यह तय करेंगे कि उन पर क्या आरोप लगाया जाए। विदेश मंत्री जूली बिशप ने नाइन नेटवर्क टेलीविजन में सोमवार को कहा कि संवादकर्मियों के साथ इस तरह का व्यवहार कैसे किया जा सकता है और हमने यह मामला मलेशियाई अधिकारियों के समक्ष उठाया है।
[एजेंसी]