ट्विटर ने पत्रकारों के सस्पेंडेड अकाउंट्स को किया री-स्टोर:एलन मस्क बोले- सभी अकाउंट्स का सस्पेंशन हटाया गया
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने अब पत्रकारों के सस्पेंडेड अकाउंट्स को री-स्टोर कर दिया है। इतना ही नहीं कंपनी अगले 30 दिनों में और भी कई सस्पेंडेड अकाउंट्स को बहाल करने का प्लान बना रही है। दरअसल, हाल ही में एलन मस्क और ट्विटर के बारे में खबरें लिखने वाले कई पत्रकारों के ट्विटर अकाउंट को हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया गया था।
अलोचना के बाद सस्पेंडेड अकाउंट्स को री-स्टोर कर रहा ट्विटर
ट्विटर के इस कदम के बाद UN के जनरल सेक्रेटरी एंटोनियो गुटेरेस ने पत्रकारों के ट्विटर अकाउंट बैन किए जाने के फैसले की निंदा की। इतना ही नहीं कई देशों के ऑफिशियल्स और कई लोगों ने भी ट्विटर के इस फैसले की जमकर आलोचना की। कुछ ऑफिशियल्स ने यह कहा कि ट्विटर ‘प्रेस फ्रीडम’ को खतरे में डाल रहा है। लगातार हो रही अलोचना के बाद अब ट्विटर ने पत्रकारों के सस्पेंडेड अकाउंट्स को री-स्टोर करने का फैसला किया।
शुक्रवार रात कई ट्वीट्स कर ट्विटर ने कहा कि उसने कई पॉलिसीज की पहचान की है, जहां रूल्स को तोड़ने के लिए परमानेंट सस्पेंशन एक असंतुष्ट एक्शन था। कंपनी ने कहा कि जो अकाउंट्स बहाल हैं, उनको अभी भी रूल्स का पालन करना होगा। परमानेंट सस्पेंशन सीरियस वॉयलेशन के लिए एक एनफोर्समेंट एक्शन बना रहेगा।
सभी अकाउंट्स का सस्पेंशन हटाया गया: एलन मस्क
ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने भी एक ट्वीट कर कहा कि सोशल-मीडिया साइट पर एक पोल के बाद अब उन सभी अकाउंट्स का सस्पेंशन हटाया गया, जिन्होंने उनकी लोकेशन को डॉक्स किया था। मस्क कई बार पोल के जरिए लोगों से पूछकर फैसले लेते हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में ट्विटर ने कई प्रमुख पत्रकारों के अकाउंट्स को सस्पेंड किया था।
मस्क के पोल में लगभग 59% लोगों ने पत्रकारों के अकाउंट से सस्पेंशन हटाने के पक्ष में वोट दिया।
पत्रकारों पर मस्क की लोकेशन शेयर करने का लगाया था आरोप
इन पत्रकारों में न्यूयॉर्क टाइम्स, वॉशिंगटन पोस्ट, CNN और वॉइस ऑफ अमेरिका के पत्रकार भी शामिल थे। इतना ही नहीं इन पत्रकारों की ट्विटर प्रोफाइल और पुराने ट्वीट्स भी गायब हो गए थे। पत्रकारों के अकाउंट्स को मस्क ने यह आरोप लगाते हुए सस्पेंड किया था कि वे उनके परिवार को खतरे में डाल रहे हैं।
बता दें कि पत्रकारों के अकांउट्स सस्पेंड करने से पहले ट्विटर ने इन्हें कोई चेतावनी नहीं दी थी और न ही किसी प्रोसेस का पालन किया था। पत्रकारों अकाउंट सस्पेंड करने का कारण भी नहीं बताया गया था। हालांकि, तब मस्क ने कहा था कि इन पत्रकारों ने उनकी लोकेशन के बारे में व्यक्तिगत जानकारी साझा की थी और इसलिए इनके अकांउट सस्पेंड किए गए हैं।
एलन मस्क ने कहा था, ‘मंगलवार रात को किसी ने मेरे परिवार का पीछा किया। पूरे दिन मेरी आलोचना करना ठीक है, लेकिन मेरी रियल टाइम लोकेशन शेयर करना और मेरे परिवार को खतरे में डालना ठीक नहीं है। कुछ नियम पत्रकारों पर भी लागू होते हैं।’
मस्क का आलोचक हूं, लेकिन कोई नियम नहीं तोड़ा: पत्रकार
मैशेबल न्यूज आउटलेट के मैट बिंडर ने ट्विटर लॉग इन करने की कोशिश की थी, तो मैसेज आया कि आपका ट्विटर अकाउंट हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। इसके बाद मैट बिंडर ने कहा था कि मैंने कोई लोकेशन डाटा साझा नहीं किया। ना ही मैंने एलनजेट या किसी दूसरे लोकेशन ट्रैकिंग अकाउंट की लिंक साझा की। मैं मस्क का आलोचक हूं, लेकिन मैंने कभी ट्विटर का कोई नियम नहीं तोड़ा।
वॉशिंगटन पोस्ट के एक्जीक्यूटिव एडिटर सैली बजबी ने कहा था कि पत्रकारों के अकाउंट सस्पेंड होने से मस्क के उस दावे को झटका लगा है, जिसमें उन्होंने ट्विटर को फ्री स्पीच प्लेटफॉर्म बनाने का वादा किया था। CNN ने भी बयान जारी कर कहा था कि यह चिंताजनक है।
ट्विटर ने बदले लोकेशन शेयरिंग के नियम
मस्क ने बुधवार को उनके प्राइवेट जेट की फ्लाइट्स की जानकारी शेयर करने वाले ट्विटर अकाउंट को बैन कर दिया था। ये अकाउंट मस्क की फ्लाइट्स को ट्रैक कर रहा था। इसके बाद ट्विटर ने अपने नियमों में भी बदलाव किया। अब किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसकी रियल टाइम लोकेशन साझा करने पर रोक लगा दी गई है। जिन पत्रकारों के अकाउंट सस्पेंड हुए हैं, उनमें से कई ट्विटर के इस नए नियम और इसके पीछे मस्क के तर्कों के बारे में लिख रहे थे।
कुछ दिन पहले मस्क की फ्लाइट्स को ट्रैक करने वाले ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड किया गया था।
पत्रकारों के अकाउंट्स को बैन करना खतरनाक कदम: UN
पत्रकारों के अकाउंट सस्पेंशन पर UN जनरल सेक्रेटरी के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा था, ‘पत्रकारों के अकाउंट्स को बैन करना खतरनाक कदम है। इस मनमाने तरीके से पत्रकारों के अकाउंट्स बैन करने को लेकर UN के जनरल सेक्रेटरी चिंतित हैं। ट्विटर एक ऐसा मंच है, जहां पर दुनियाभर के पत्रकार अपने विचार स्वतंत्रता से रखते हैं।’
स्टीफन ने आगे कहा, ‘मीडिया के ऐसे मंच को खामोश नहीं करना चाहिए, जो अभिव्यक्ति की आजादी का दावा करता हो। यह कदम ऐसे वक्त पर लेना एक घटिया मिसाल कायम करता है, जब दुनियाभर के पत्रकार सेंसरशिप, जान का खतरा और इससे भी खराब स्थिति का सामना कर रहे हैं।’