मुंबई : बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला ने 5जी मोबाइल फोन तकनीक को लेकर चिंता प्रकट की है। उनका कहना है कि इसे मानव स्वास्थ्य पर रेडियो फ्रीक्वेंसी रेडिएशन के खतरनाक प्रभाव को आंके बिना लागू नहीं करना चाहिए। उन्होंने जानना चाहा है कि डिजिटल इंडिया का लक्ष्य हासिल करने के लिए 5जी लागू कर रही केंद्र सरकार ने क्या नई तकनीक को लेकर पर्याप्त शोध किया है। जूही रेडिएशन को लेकर जागरूकता अभियान चला रही हैं।
जूही ने इस संबंध में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने मोबाइल टावर एंटीना और वाईफाई हॉटस्पॉट्स से होने वाले ईएमएफ (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक) रेडिएशन का इंसान के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले खतरनाक प्रभाव को लेकर आगाह किया है। उन्होंने कहा है कि कई जानेमाने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों एवं प्रोफेसरों ने रेडियो फ्रीक्वेंसी रेडिएशन के दुष्प्रभावों का उल्लेख किया है। वे 5जी लागू करने के खिलाफ हैं।
जूही पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए ‘सिटिजंस फॉर टुमौरो’ परियोजना चला रही हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया का लक्ष्य हासिल करने के लिए आंख मूंद कर 5जी मोबाइल तकनीक लागू कर रही है। वह मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले खतरनाक प्रभाव की अनदेखी कर रही है।
जबकि पर्यावरणविद देबी गोयनका का कहना है कि सेल फोन रेडिएशन को लेकर काफी अध्ययन कराया गया है। इनमें कहा गया है कि मानव स्वास्थ्य पर रेडिएशन का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि कुछ लोगों के रेडिएशन से प्रभावित होने के उदाहरण हैं। गोयनका ने कहा कि रेडिएशन की तीव्रता कम का सबसे अच्छा तरीका सावधानी बरतनी है।