लखनऊ- जहाँ एक तरफ महिलाओं को पुरुषों के बराबरी का अधिकार दिलाने की बात हो रही है परिणाम स्वरुप महाराष्ट्र में 400 साल का इतिहास बदल कर शनि मंदिर में महिलाओं को प्रवेश मिला लेकिन अब भी कुछ क्षेत्र हैं जहाँ महिलाओं लड़कियों पर अपने तुगलकी फरमान सुना देते हैं !
जीहां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में एक गांव की जहाँ पंचायत ने लड़कियों के जींस या दूसरे अन्य तंग कपड़े पहनने को सामाजिक बुराइयों की बड़ी वजह करार दिया है। यही नहीं पंचायत ने ऐसे कपड़े पहनने पर पाबंदी लगा दी है और आगाह किया है कि इसका पालन नहीं करने वाली लड़कियों और औरतों का उनके परिवार समेत बहिष्कार किया जाएगा।
जिले के बावली गांव की पंचायत में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए गांव के प्रधानपति ओमवीर ने बताया कि रविवार को गांव में अयोजित पंचायत में सामाजिक व्यवस्था को सुधारने के लिए अहम मुद्दों पर गंभीरता से चिंतन करने के बाद पंचायत ने सबसे पहले लड़कियों के जींस और तंग कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया।
उन्होंने बताया कि पंचों ने कहा है कि लड़कियों का पहनावा दिन-ब-दिन बिगड़ता जा रहा है, जो समाज और खुद लड़कियों के हित में नहीं है, इसलिए अब गांव की किसी लड़की ने जींस या टाइट कपड़े पहने तो उसका विरोध किया जाएगा। इसके बाद भी लड़की नहीं मानी तो उसका और उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया जायेगा।
ओमवीर ने कहा कि कोई भी पहनावा वहां के माहौल के हिसाब से पहना जाना चाहिए। पश्चिमी देशों में जींस और तंग कपड़े पहनने का पुराना रिवाज है, इसलिए वे उसके अभ्यस्त हैं। उससे उनके समाज में आमतौर पर खराबी नहीं फैलती, लेकिन हमारे समाज में हमेशा से लड़कियों का शरीर छुपाने की चीज रही है। भारतीय परिवेश में लड़कियों के तंग कपड़े पहनने से शर्म-हया की परंपरा को चोट पहुंचती है, लिहाजा पंचायत ने यह फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि पंचायत में समाज में बढ़ती दहेज कुरीति पर चिन्ता जताते हुए दहेज लेने और देने वालों का भी बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा शादी में डीजे बुलाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। पंचायत ने भ्रूण हत्याओं पर भी रोक लगाने का फरमान भी सुनाया। साथ ही तेरहवीं संस्कार में भोजन ना करने की हिदायत भी दी।