पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत-चीन सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद होने पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने केंद्र की नरेंद्र मोदी पर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने गुरुवार (18 जून, 2020) को ट्वीट कर कहा है कि ‘जरा मुल्क के रहबरों को बुलाओ। यह गलवान घाटी, यह लाशें दिखाओं। यह कर्नल की बिलखती मां को बताओ। वह छप्पन इंच का सीना कहां हैं?’
भारत-चीन सीमा विवाद के बीच जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने 13 जून को भी मोदी सरकार को निशाने पर लिया था। तब उन्होंने कहा कि चीनी फौज ने लद्दाख की पूरी गलवान घाटी पर अवैध कब्जा कर लिया है।
मगर हमारी सरकार शुतुरमुर्ग की तरह आंख मूंदे बैठी है, या रोमन सम्राट नीरो जैसे सारंगी बजा रही है, या मुंशी प्रेमचंद की कहानी शतरंज के खिलाड़ी के पात्र मीर और मिर्जा साहेब जैसे खतरे से अनभिज्ञ खेल में मगन है।
ज़रा मुल्क के रहबरों को बुलाओ
यह गलवान घाटी यह लाशें दिखाओ
यह कर्नल की बिलखती माँ को बताओ
वह छप्पन इंच का सीना कहाँ है ?— Markandey Katju (@mkatju) June 18, 2020
इधर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने एक वेबसाइट से संपादक से बातचीत में कहा कि अब हमें समझना होगा कि चीन अब समाजवादी देश नहीं रह गया है। वह अब पूंजीवादी देश है और अपनी सरप्लस पूंजी को खपाने के लिए ये देश आक्रमक विस्तारवादी साम्राज्यवाद के रास्ते पर चल पड़ा है। चीन पूरी दुनिया के बड़ा खतरा है।
उन्होंने हस्तक्षेप डॉट कॉम के संपादक संग वीसी में कहा कि दो राष्ट्राध्यक्षों की आपसी मित्रता दो देशों की विदेशनीति और कूटनीति पर भारी पड़ सकती है। मामला कूटनीति से हल होने वाला नहीं है। तुष्टिकरण से काम नहीं चलेगा। चीन को विस्तार से हटाने की शक्ति अब खुद चीन के नेताओं के हाथ में भी नहीं है। DEMO-PIC