नई दिल्लीः न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबड़े को मंगलवार को भारत का 47वां प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया गया। सरकार से संबद्ध सूत्रों ने बताया कि उनके नियुक्ति के वारंट पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने हस्ताक्षर कर दिए हैं और जल्द ही एक औपचारिक अधिसूचना जारी की जा सकती है। 63 वर्षीय न्यायमूर्ति बोबड़े 18 नवंबर को सीजेआई पद की शपथ ग्रहण करेंगे। न्यायमूर्ति बोबड़े 17 महीने के लिए 23 अप्रैल 2021 तक इस पद पर बने रहेंगे।
बता दें कि जस्टिस बोबड़े मुख्य न्यायाधीश के बाद उच्चतम न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। वह इससे पहले मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। परंपरा अनुसार वर्तमान मुख्य न्यायाधीश पत्र लिखकर अपने बाद इस कार्यभार को संभालने वाले न्यायाधीश के नाम की सिफारिश करते हैं। जस्टिस गोगोई ने 18 अक्तूबर को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर जस्टिस बोबड़े के नाम की सिफारिश की थी।
जस्टिस रंजन गोगोई ने तीन अक्तूबर 2018 को भारत के 46वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली थी। जस्टिस गोगई के कार्यकाल में देश के सबसे ज्यादा संवेदनशील मुद्दे अयोध्या भूमि विवाद पर फैसला आ सकता है। चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यकाल में उच्चतम न्ययालय ने कई ऐतिहासिक मामलों की सुनवाई की है। जिसमें अयोध्या मामला, एनआरसी, जम्मू-कश्मीर पर याचिकाएं शामिल हैं।
जानें कौन हैं जस्टिस एसए बोबड़े
जस्टिस शरद अवरिंद बोबड़े का जन्म 24 अप्रैल 1956 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था।
उन्होंने 1978 में महाराष्ट्र बार काउंसिल ज्वाइन किया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट नागपुर बेंच में लॉ प्रैक्टिस की।
वर्ष 2000 में बॉम्बे हाईकोर्ट में एडिशनल जज बने। फिर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए।
2013 में जस्टिस बोबड़े को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया। वह 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत होंगे।