जेपी नड्डा के हाथों सदस्यता लेकर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया। जेपी नड्डा ने कहा- हमारे लिए खुशी की बात है कि राजमाता के पौत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए हैं ,राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने जनसंघ और बीजेपी के विकास में अहम योगदान दिया।नई दिल्लीः मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद अबतक कांग्रेस के 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। जिससे कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है। वहीं अब भाजपा को अपने विधायकों के पाला बदलने का डर सता रहा है। इसी के मद्देनजर भाजपा ने जहां अपने विधायकों को गुरुग्राम शिफ्ट कर दिया है। वहीं कांग्रेस के बचे हुए विधायक राजस्थान के जयपुर के लिए रवाना हो गए हैं।
जेपी नड्डा के हाथों सदस्यता लेकर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया। जेपी नड्डा ने कहा- हमारे लिए खुशी की बात है कि राजमाता के पौत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए हैं ,राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने जनसंघ और बीजेपी के विकास में अहम योगदान दिया।
मध्यप्रदेश में सियासी ड्रामा के बीच भाजपा से ज्योतिरादित्य सिंधिया और हर्ष चौहान पार्टी से राज्यसभा के उम्मीदवार हो सकते हैं।
सांसद प्रभात झा नाराज
सिंधिया के भाजपा में शामिल होने की खबर से पार्टी में नाराजगी की खबरें आ रही हैं। मध्यप्रदेश भाजपा के बड़े नेता प्रभात झा इस फैसले से नाराज हैं और उन्होंने इस बारे में केंद्रीय आलाकमान को भी बता दिया है। सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश से उन्हीं की सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजेने की तैयारी है। ऐसे में प्रभात झा का पत्ता कटना तय माना जा रहा है। झा भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और राज्य भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। साथ ही वो ग्वालियर संभाग से आते हैं। झा भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि मध्य प्रदेश में 22 बागी विधायकों में से 13 ने आश्वस्त किया है कि वे कांग्रेस छोड़कर नहीं जा रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार को विश्वास मत जीतने का भरोसा है और, हम चुप नहीं रहे, हम सो नहीं रहे हैं। सिंधिया पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह राज्यसभा के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी हो सकते थे लेकिन अति महत्वाकांक्षी नेता को केवल मोदी-शाह मंत्री पद दे सकते हैं। सिंह ने यह भी दावा किया कि सिंधिया को राज्य में उपमुख्यमंत्री के पद की पेशकश की गई लेकिन वह अपने नामित व्यक्ति को इस पद पर चाहते थे लेकिन कमलनाथ ने चेला स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद मंगलवार को भोपाल में स्थित कांग्रेस कार्यालय से उनकी नेमप्लेट को हटा दिया गया।