सिंधिया के पार्टी छोड़ने को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है। काश चीजों को पार्टी के अंदर बातचीत के जरिए सहयोगपूर्वक तरीके से सुलझा लिया गया होता।’
नई दिल्लीः ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है। एक तरफ जहां कांग्रेस के कई नेता सिंधिया को खुलेआम कोस रहे हैं। वहीं कई ऐसे भी कांग्रेसी नेता हैं जो दबी जुबान से सिंधिया के कदम का समर्थन कर रहे हैं।
सिंधिया के पार्टी छोड़ने को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है। काश चीजों को पार्टी के अंदर बातचीत के जरिए सहयोगपूर्वक तरीके से सुलझा लिया गया होता।’
There’s a lot of discontentment among many of us seems like the party totally fails to see it @SachinPilot after a time it’s not abt ideology anymore it’s abt recognition of ones efforts and given one an appropriate due so it’s not surprising @JM_Scindia left many will follow too https://t.co/G1QWEA2K2i
— Nagma (@nagma_morarji) March 11, 2020
कांग्रेस नेता नगमा ने भी सिंधिया के पार्टी छोड़ने पर पार्टी को चेताया है। सचिन पायलट की बात का समर्थन करते हुए नगमा ने ट्वीट किया है कि हम में से बहुत से लोगों में असंतोष है। ऐसा लगता है कि पार्टी इसे देखने में पूरी तरह से विफल है। नगमा ने ट्वीट में लिखा, इसलिए यह आश्चर्यजनक नहीं है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी छोड़ दी, और भी कई लोग ऐसा ही करेंगे। एक समय के बाद यह विचारधारा के बारे में नहीं बल्कि किसी के प्रयासों को मान्यता और उसे सही स्थान न देने को लेकर हो जाता है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मुकेश नायक ने एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान दावा किया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा चुनाव हारने के बाद पांच दिनों तक खाना नहीं खाया था। पार्टी में गुटबाजी से वे बहुत दुखी थे। जिसके बाद उनको मनाने के लिए वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे उनके घर गई थीं।
मुकेश नायक ने दावा किया कि सिंधिया ने दिग्विजय सिंह की वजह से कांग्रेस से इस्तीफा दिया। मध्यप्रदेश कांग्रेस में इतनी गुटबाजी है जिसमें कांग्रेस कहीं बची ही नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे कांग्रेस में ही बने रहेंगे।