कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी थमती नहीं दिख रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर गुरुवार को सिंधिया ने तल्ख टिप्पणी की थी। वहीं अब वो अपनी ही सरकार (मध्य प्रदेश सरकार) के खिलाफ सड़कों पर उतरने की बात कर रहे हैं।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार गुरुवार को यहां एक कार्यक्रम में सिंधिया ने चुनावी मैनिफेस्टो में किए वादे को धार्मिक वाक्य मानने की बात कही।
लगे हाथों उन्होंने सरकार द्वारा मांगें पूरी नहीं होने की स्थिति में जनता के साथ सड़क पर उतरने की भी चेतावनी दी।
टीकमगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वहां मौजूद लोगों को उनकी सरकार का किया वादा पूरा कराने का भरोसा दिया है।
सिंधिया ने कहा कि मैं आप लोगों को सुनिश्चित करना चाहता हूं कि आपकी मांग हमारी सरकार के मैनिफेस्टो में है और ये हमारे लिए किसी धार्मिक वाक्य की तरह है। उन्होंने लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की।
सिंधिया ने कहा कि अगर मैनिफेस्टो में जुड़ी आपकी मांग पूरी नहीं होगी तो आपको खुद को अकेला नहीं समझना। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आपके साथ (मांगों को पूरा कराने के लिए) सड़कों पर उतरेगा।
संत रविदास जयंती के अवसर पर टीकमगढ़ के कुडीला गांव में एक कार्यक्रम के दौरान सिंधिया ने कहा, ‘मेरे अतिथि शिक्षकों को मैं कहना चाहता हूं। आपकी मांग मैंने चुनाव के पहले भी सुनी थीं। मैंने आपकी आवाज उठाई थी और ये विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग जो हमारी सरकार के घोषणापत्र में अंकित है वो घोषणापत्र हमारे लिए हमारा ग्रंथ है।’
उन्होंने अतिथि शिक्षकों को सब्र रखने की सलाह देते हुए कहा, ‘अगर उस घोषणापत्र का एक-एक वाक्य पूरा न हुआ तो अपने को सड़क पर अकेले मत समझना। आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उतरेगा। सरकार अभी बनी है, एक वर्ष हुआ है। थोड़ा सब्र हमारे शिक्षकों को रखना होगा। बारी हमारी आयेगी, ये विश्वास, मैं आपको दिलाता हूं और अगर बारी न आये तो चिंता मत करो, आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और आपका तलवार भी मैं बनूंगा।’
इससे पहले सिंधिया ने जिले के पृथ्वीपुर में संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की पराजय दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि देश बदल रहा है इसी तरह लोगों की सोच भी बदल रही है। उन्होंने कहा, ‘हमें (कांग्रेस) बदलना होगा और लोगों के बीच नए दृष्टिकोण के साथ पहुंचना होगा।’
इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली के चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर टिप्पणी की थी।
उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को नई सोच के साथ नई कार्यप्रणाली की बहुत ज्यादा जरूरत है। बता दें कि दिल्ली में कांग्रेस की बुरी हार पर पार्टी के कई नेताओं ने सवाल खड़े किए थे।