बीजेपी महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय मिशन मध्य प्रदेश के बयान से पलट गए हैं। आज भोपाल पहुंचे विजयवर्गीय ने कहा मैं मध्य प्रदेश मिशन पर नहीं हूं। फिलहाल तो बंगाल मिशन में ही व्यस्त हूं। साथ ही ये कहकर सस्पेंस भी दिया कि मध्य प्रदेश मिशन की घोषणा ऐसे खुलेआम नहीं करूंगा।
कमलनाथ सरकार गिराने के सवाल पर वो बोले समय का इंतज़ार कीजिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस अध्यक्ष बनते देखना चाहते हैं।
कल जयपुर में कैलाश विजयवर्गीय के बयान देते ही मध्य प्रदेश बीजेपी में हलचल शुरू हो गयी थी। आज वो यहां पहुंचे तो चर्चा का बाज़ार गर्म था।
उन्होंने बीजेपी कार्यालय में संगठन महामंत्री सुहास भगत से एक घंटे तक मीटिंग की। मीडिया को उनके बाहर निकलने का इंतज़ार था। विजयवर्गीय बाहर आए और मिशन एमपी पर दिए बयान से किनारा कर लिया।
सुहास भगत से मुलाक़ात पर बोले कि सदस्यता अभियान को लेकर चर्चा की। हालांकि बताया जा रहा है कि एमपी के मौजूदा राजनीतिक समीकरण पर भी दोनों के बीच बातचीत हुई।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- ऐसा मैंने नहीं कहा। सारे देश में सदस्यता अभियान चल रहा है। सदस्यता का मिशन हमारा सभी तरफ है। उसके लिए पूरे देश में अभियान और दौरे चल रहे हैं। उसी संदर्भ में मैंने कहा था कि मैं मिशन बंगाल में ही हूं। मैंने ऐसा नहीं कहा है कि मैं मध्यप्रदेश के मिशन में भी हूं। बंगाल का मिशन अभी 21 तक चलता रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मिशन एमपी की सरेआम घोषणा नहीं करूंगा।
मध्यप्रदेश में बीजेपी के दो विधायकों के कांग्रेस में पक्ष में जाने पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि दोनों विधायकों ने विधानसभा में अपनी नाराजगी व्यक्त की है। अभी मेरी जानकारी के अनुसार उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन नहीं की, इसलिए इसके बारे में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। अभी उन्हें मनाने की जवाबदारी मेरे पास नहीं है।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी कांग्रेस के विधायकों में बहुत असंतोष है। सरकारी घोषणाएं पूरी नहीं की जा रही हैं इसलिए विधायक अपनी ही सरकार से खुश नहीं हैं। मध्यप्रदेश में सरकार पलटने के बारे में विजयवर्गीय ने कहा- समय का इंतजार कीजिए।
कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। इस पर विजयवर्गीय ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम का समर्थन किया।