इंदौर: हरियाणा चुनाव में कहीं ना कहीं प्रबंधन में कमी रह गई, यह मुझे साफ दिखाई दे रही है। जिस प्रकार से भाजपा के कार्यकर्ता निर्दलीय खड़े हुए यह बात हम उन्हें समझा नहीं पाए। यह प्रबंधन की ही कमी है। यह बात भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से महाराष्ट्र, हरियाणा और मप्र के झाबुआ विस उपचुनाव को लेकर चर्चा के दौरान कही। झाबुआ उप चुनाव को लेकर कहा कि यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट है। पिछली बार भी कांग्रेस के एक निर्दलीय के खड़े हो जाने से हम यह सीट जीते थे।
विजयवर्गीय ने कहा कि महाराष्ट्र में हमें अच्छी सफलता मिली है। हरियाणा में हमें अनुकूल वातारवण दिखाई नहीं दिया, लेकिन हम सरकार बनाने जा रहे हैं। हमें कई निर्दलीयों का साथ मिलेगा। निर्दलीय वही जीत रहे हैं जो भाजपा से बगावत करने वाले हैं। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ईमानदारी से काम किया है। दुष्यंचत चोटाला पर कहा कि हमें विश्वास है कि हम बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं। यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम खरीद-फरोख्त नहीं करेंगे। जो बहुमत लाएगा उसकी सरकार बनेगी। चुनाव हवा नहीं मैनेजमेंट से करना होता है और उसी में कहीं ना कहीं कुछ कमी रह गई। जाटों की नाराजगी में कहा कि खट्टर सरकार ने पांच साल में बहुत ही इमानदारी से काम किया। उन्होंने भाई-भतीजावाद, जातिवाद से बाहर निकलकर राजनीति की, जिसे हम जनता के सामने सही तरीके से रख नहीं पाए।
मध्य प्रदेश के झाबुआ उप चुनाव को लेकर बोले के झाबुआ सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। सरकार ने सारे हथकंडे अपनाए हैं। पिछली बार भी हम वहां एक निर्दलीय के खड़े होने से जीते थे। उप चुनाव पूरी तरह से लोकल मुद्दों पर होता है। कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनाने के बाद किसानों के पास पैसा नहीं पहुंचा। यह सरकार पूरी तहरर से फेल है। पावर कट पूरे प्रदेश में है। लोगों के जनरेटर वापस बाहर निकल आए हैं। बिजली बिल हाफ करने की बात कही थी, लेकिन बिजली साफ कर दी। कांग्रेस को मिली लीड पर कहा कि दिग्वियज सिंह द्वारा कांतिलाल भूरिया के आखिरी चुनाव होने पर उन्हें जिताने की इमोशनल अपील का थोड़ा असर संभवत: हुआ है। मप्र में भाजपा जल्द सरकार बना लेगी, उनके इस बयान पर सवाल करने पर कहा कि मप्र में कांग्रेस बंटी हुई है। इसलिए यहां कभी भी कुछ भी हो सकता है।
कांग्रेस लीडर ज्याेतिरादित्य सिंधिया काे लेकर कहा कि मैं मीडिया में पढ़ता रहता हूं कि कमलनाथ अाैर दिग्वियज सिंह सिंधिया को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं। मीडिया से ही मुझे पता चला कि कमलनाथ ने दिग्वियज को हराया और सिंधिया को कमलनाथ और दिग्वियज ने हराया। राहुल के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस में सुधार हुआ इस पर कहा कि यह बात तो कांग्रेसियों से पूछना चाहिए। दो मेयर के सवाल पर कहा कि इंदौर में दो मेयर की बिल्कुल जरूरत नहीं है। ऐसा होने पर शहर की जनता पर भारी बोझ बढ़ेगा। मप्र सरकार ऐसा कर केवल जनता का ध्यान भटकाना चाहती है, क्योंकि खजाने में रुपए नहीं है तो काम तो कुछ कर नहीं सकते।