लखनऊ– समाजवादी पार्टी द्वारा कैराना पलायन प्रकरण की जांच के लिए गठित संतों की पांच सदस्यीय टीम के तीन सदस्यों को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। बताया जा रहा है कि इन संतों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। हालांकि, मामले को गंभीरता से लेते हुए संतों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
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बता दें कि हाल में कैराना में पलायन के मामले की जांच के लिए पांच संत- प्रमोद कृष्णन, स्वामी कल्याण, नरायण गिरि, स्वामी चिन्मयानंद और स्वामी चक्रपाणि की टीम 20 जून को जांच के बाद रिपोर्ट तैयार की। सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने 17 जून को एक प्रेस कांफ्रेंस में इन संतों के नामों का ऐलान किया था।
बताया जा रहा है कि प्रमोद कृष्णन को जान से मारने की धमकी दी गई। इसके बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। उधर, संतों की सुरक्षा को भी बढ़ा दिया गया है। पुलिस का दावा है कि धमकी देने वालों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के कैराना में पलायन के मसले पर राजनीतिज्ञों के बयान बाजी के बाद पिछले सप्ताह कैराना मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की तरफ से गठित संतों की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि यूपी में दंगों की आग कभी भी भड़क सकती है। कमेटी ने 20 पन्नों की रिपोर्ट में 10 सुझाव भी दिए हैं और साथ ही चेतावनी भी दी है कि अगर इन सुझावों पर तत्काल अमल नही किया तो यूपी में दंगों की आग भड़क सकती है।
बता दें कि कैराना मामले की जांच के लिए यूपी सरकार ने पांच संतों की टीम बनाई थी। इस टीम ने कैराना जाकर मामले की जांच की और सीएम अखिलेश यादव को रिपोर्ट दी। संतों के जांच दल में आचार्य प्रमोद कृषणनन, स्वामी कल्याणदेव, स्वामी चिन्मयानंद, स्वामी चक्रपाणि और स्वामी देवेंद्रानंद शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हुकुम सिंह जब कैबिनेट मंत्री थे, उस वक्त 121 परिवारों ने कैराना से पलायन किया था। इसके अलावा कुल 150 परिवारों ने पूर्व डीजीपी और बीजेपी जांच कमेटी के सदस्य बृजलाल के कार्यकाल के दौरान पलायन किया था।
कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि पिछले कुछ दिनों में हुई फायरिंग में जो अपराधी शामिल हैं, वे हिंदू हैं और उन्हें शह देने वाले नेता भी हिंदू हैं। इनमें बीजेपी और सपा के भी कुछ नेता शामिल हैं।