राजस्थान के पूर्व राज्यपाल और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने मंगलवार को कहा कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के पीछे कोई साजिश नहीं थी।
उन्होंने कहा कि उस दिन जो कुछ भी हुआ वह अप्रत्याशित और अभूतपूर्व घटना थी। एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कल्याण सिंह ने कहा कि दिसंबर 1992 की घटना सदियों से दबी हुई करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं के विस्फोट का नतीजा थी।
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कल्याण सिंह को आरोपी बनाने की सीबीआई की अर्जी पर आज लखनऊ में सुनवाई होगी।
सीबीआई ने कल्याण को मामले में बतौर आरोपी तलब करने की अर्जी दी थी। सीबीआई के विशेष जज अयोध्या प्रकरण की आज सुनवाई करेंगे।
कोर्ट ने सीबीआई से कल्याण सिंह के संवैधानिक पद पर न होने का प्रमाण मांगा था। राजस्थान का राज्यपाल होने के चलते सीबीआई कल्याण सिंह को आरोपी नहीं बना पाई थी।
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपालदास समेत अन्य ज़मानत पर हैं।
इससे पहले सोमवार को लखनऊ में दोबरा बीजेपी का सदस्य बनने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कल्याण सिंह ने विपक्षी पार्टियों से अयोध्या में राम मंदिर को लेकर रुख स्पष्ट करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, ‘अयोध्या एक पवित्र स्थान है। राम मंदिर का निर्माण करोड़ों लोगों की भक्ति का विषय है। सभी राजनीतिक दलों को लोगों के सामने अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में हैं या इसके खिलाफ हैं।’
गौरतलब है कि वर्ष 1992 में जब बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया था, उस समय कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।
सीबीआई द्वारा तलब किए जाने की अर्जी पर उन्होंने कहा, ‘मैं न्यायालय का सम्मान करता हूं। अगर सीबीआई मुझे बुलाती है, तो मैं इसे स्वीकार कर लूंगा और जिस भी तारीख को वे मुझे पेश होने के लिए कहेंगे, उस पर पेश हो जाऊंगा। मैं उनका पूरा सहयोग करूंगा। अदालत में मुद्दा यह है कि एक आपराधिक साजिश थी, जिसमें 12-13 लोगों का नाम था। मैं अदालत के सामने कहूंगा कि कोई साजिश नहीं थी।’