मध्यप्रदेश के श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि मैं महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया का चमचा हूं और जीवन पर्यंत रहूंगा। इसमें दिक्कत ही क्या है और मुझे इस बात पर गर्व है।
सोमवार को मीडिया के साथ बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा कि कल तक सांसद केपी यादव (गुना के भाजपा सांसद) सिंधिया का चमचा नहीं थे क्या? वह महाराज की गाड़ी के पीछे नहीं दौड़ते थे क्या?
उन्होंने कहा कि इसमें कौन सी बात है। महाराज ने मुझे टिकट दिया। मेरा जीवन संवारा, मुझे कैबिनेट मंत्री बनाया।
मीडिया से बात करते हुए जब भाजपा सांसद द्वारा उनको सिंधिया का गुलाम कहने के बारे में प्रतिक्रिया पर पूछा गया तो सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने मुझे गुलाम नहीं चमचा कहा था।
उन्होंने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि मैं इतने बड़े कद के व्यक्ति का चमचा हूं। मैं तो चाहूंगा कि आप मुझे कढ़ाई भी कहो। चमचा कढ़ाई इकट्ठी साथ में कह दो।
मंत्री ने कहा कि मैं हूं तो हूं इसमें क्या बात है और जीवन पर्यन्त रहूंगा, अपने जीवन की आखिरी सांस तक रहूंगा। मैं राजनीति छोड़ दूंगा लेकिन महाराज सिंधिया को नहीं छोडूंगा।
आगामी 17 जनवरी को ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद केपी यादव के पिता के निधन पर शोक संवेदनाएं व्यक्त करने के लिए उनके घर जा रहे थे। लेकिन उनके कार्यक्रम से पहले जनआक्रोश रैली में सांसद केपी यादव के बयान के बाद सिंधिया के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है।
श्रम मंत्री ने कहा कि हिंदू संस्कृति में अगर कोई आपका दुश्मन भी है तो उसके परिवार में कोई गमी होती है तो यह यह माना जाता है कि संवेदनाएं व्यक्त करने जाना चाहिए। महाराज ने उसी संस्कार संस्कृति का पालन करते हुए सांसद के यहां जाने का कार्यक्रम बनाया। परंतु अगर बेटे को मंजूर नहीं है कि कोई उनके घर पर श्रद्धांजलि देने आए तो इसमें क्या किया जा सकता है।