मध्य प्रदेश में गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा। कमलनाथ कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। कैबिनेट ने शराब नीति में संशोधन और इंदौर-भोपाल में मेट्रो की MoU साइन करने पर भी मुहर लगा दी है।
कमलनाथ कैबिेनट की आज भोपाल में बैठक हुई। इसमें आर्थिक आधार पर ग़रीब वर्ग के सवर्णों को 10 फीसद तक आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी गई है।
सरकार ने आरक्षण के केंद्रीय प्रावधानों में कुछ बदलाव किए हैं। आरक्षण का फायदा मध्य प्रदेश में 8 लाख सालाना आय से कम वालों को मिलेगा। साथ ही 5 एकड़ ज़मीन का प्रावधान बंजर भूमि पर लागू नहीं होगा।
नगर निगम एरिया में 1200 वर्गफीट, नगर पालिका में 1500 और नगर पंचायत में 1800 वर्गफीट एरिया से कम वाले फ्लैट के लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा।
कैबिनेट ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शराब नीति में संशोधन किया है। नई नीति के मुताबिक, फॉरेस्ट एरिया के होटल में भी बार खोला जा सकेगा, लेकिन लाइसेंस उसे ही मिलेगा जिसके पास बार के लिए कम से कम 1500 वर्ग फ़ीट का कमरा हो।
होटल में 10 फीसदी अतिरिक्त चार्ज देखर बार एरिया से बाहर भी शराब पीने की अनुमति मिलेगी। बार लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए भी नया नियम लागू किया जाएगा।
अगर विभाग ने 7 दिन के अंदर लाइसेंस रिन्यू नहीं किया तो वह अपने आप रिन्यू मान लिया जाएगा।
कमलनाथ कैबिनेट ने इंदौर और भोपाल मेट्रो के लिए MoU साइन करने को मंजूरी दे दी। भोपाल मेट्रो पर 6.9 हजार करोड़ और इंदौर मेट्रो की 7.5 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी।
इसके लिए 60% फंड लोन का जरिया जुटाया जाएगा।अगले 10 दिन में 2 साल का रोडमैप तैयार कर लिया जाएगा। वर्ष 2023 में पहली लाइन चालू करने का लक्ष्य रखा गया है।
मध्य प्रदेश कैबिनेट ने अदालतों में कोर्ट फीस 50 से बढ़ाकर 100 रुपए कर दी है। कैबिनेट ने 2019-20 के बजट में हर विधानसभा के लिए 3-3 करोड़ का प्रावधान किया है, ताकि हर इलाके का समान विकास हो सके।
लॉ मिनिस्ट्री में अधिवक्ता को मिलने वाले लाभ में जो फीस ट्रेंड है, उसे 50 से बढ़ा कर 100 और लोअर में 20 से बढ़ा कर 40 कर दिया गया है।