नई दिल्ली – कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने के लिए कन्हैया कुमार मंगलवार दोपहर करीब 11 बजे उनके घर पर पहुंचे। इस मुलाकात से पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। असम के चुनावों में कांग्रेस अपने पोस्टरों पर कन्हैया की तस्वीर लगाकर प्रचार कर रही है।
हालांकि, रविवार को जेएनयू में कन्हैया से मिलने पहुंचे केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने उसे आज का भगत सिंह करार दिया था। उधर, इस मामले में भाजपा ने थरूर को आड़े हाथ लेते हुए उनके बयान को शर्मनाक बताया है। भाजपा नेता शहनवाज हुसैन ने कहा कि कन्हैया कुमार की तुलना भगत सिंह से करना दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं कांग्रेसी नेता गुलामनबी आजाद ने कहा है कि भगत सिंह एक ही थे और किसी से उनकी तुलना नहीं हो सकती है।
हालांकि, उस वक्त भी कन्हैया ने स्पष्ट किया था कि वह थरूर के बगल में जरूर बैठा है, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए कि वह कांग्रेस में शामिल होने जा रहा है। जेएनयू का छात्र नेता कन्हैया वामपंथी पार्टी के छात्र संगठन से जुड़ा है और वह वामपंथी विचारधारा को मानता है।
थरूर ने जेएनयू में कन्हैया से मुलाकात के दौरान कहा था कि भारत माता की जय नारे लगाने या नहीं लगाने का अधिकार लोगों को होना चाहिए क्योंकि लोकतंत्र में लोगों जो सही लगता है, उसे चुनने का अधिकार होना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा था कि दूसरों के विचारों को सहन किया जाना चाहिए। आजकल राष्ट्रवाद इससे तय होता है कि कोई व्यक्ति ‘भारत माता की जय’ कहता है या नहीं। मुझे यह कहने में खुशी है, लेकिन क्या हमें सभी को ऐसा कहने के लिए मजबूर करना चाहिए।’