भोपाल: कर्नाटक संकट को सुलझाने के लिए कांग्रेस ने अब कमलनाथ को आगे किया है। बताया जा रहा है कि कमलनाथ आज शाम बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए हैं और कल तक वहीं डेरा डाले रहेंगे। कमलनाथ के इस दौरे के पीछे एक ही वजह है कांग्रेस विधायकों को एकजुट रखना और किसी भी तरह से बीजेपी को सत्ता से दूर रखना। खबर ये भी आ रही है कि कमलनाथ के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नवी आजाद भी बेंगलुरु पहुंचेंगे।
सवाल ये उठता है कि क्या कमलनाथ कर्नाटक में चल रहे नाटक को खत्म करने में अहम भूमिका निभा पाएंगे या नहीं ये तो समय ही बताएगा। लेकिन इस तरह के मामलों का रेस्क्यू कमलनाथ सालों से करते आए हैं। इसलिए वो मुख्यमंत्री होने के बाद भी पार्टी के लिए आज भी उपयोगी नेता हैं। और दूसरी पार्टी के नेताओं से बातचीत करके उन्हें अपने पक्ष में लाने का हुनर कमलनाथ के पास है ही। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार को आदेश दिया कि वो 16 जुलाई तक कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों के इस्तीफे या फिर उनकी अयोग्यता को लेकर कोई फैसला ना लें।
गौरतलब है कि कांग्रेस और जेडीएस के 10 बागी विधायकों ने स्पीकर के इस्तीफा ना स्वीकार करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। स्पीकर ने 10 विधायकों के इस्तीफे को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि वे सही प्रारूप में नहीं थे। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट जाने वाले विधायकों में सुधाकर, रोशन बेग, एमटीबी नारगाज, मुनिरत्न और आनंद सिंह के नाम हैं। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले बागी विधायकों की संख्या 15 हो गई है। इससे पहले कांग्रेस के एक बागी विधायक एमटीबी नागराज ने रिपोर्टरों से कहा कि डीके शिवकुमार और अन्य नेता उनके पास आए और इस्तीफा वापस लेने की अपील की। नागराज ने आगे कहा कि वह दूसरे विधायकों से बात करने के बाद अपने रुख पर फैसला करेंगे। नागराज ने इस्तीफा वापस लेने के सवाल पर कहा कि मैं सुधाकर राव से बात करूंगा और फिर देखूंगा कि क्या किया जाना है।
गौरतलब है कि अब तक कांग्रेस और जेडीएस के 16 विधायकों ने अब तक इस्तीफा की बात कही है, इसमें से 14 विधायकं को गठबंधन की ओर लौटने के लिए संपर्क किया जा रहा है। यदि स्पीकर 16 बागी विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार करते हैं, तो कांग्रेस-जेडीएस के पास 101 सांसद रह जाएंगे। वहीं बीजेपी के 105 विधायक है और दो निर्दलीयों का उन्हें समर्थन हासिल है। कर्नाटक विधानसभा में 224 सीटें हैं। यदि स्पीकर द्वारा कम से कम 11 इस्तीफे स्वीकार किए जाते हैं तो बीजेपी के विश्वास मत जीतने की संभावना है।