नई दिल्ली : कर्नाटक में जारी सियासी उठापटक सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर पहुंच चुकी है। कांग्रेस-जेडीएस के 10 बागी विधायक पहले ही इस्तीफे के मामले को लेकर कोर्ट पहुंचे थे, वहीं 5 और बागी विधायकों की अर्जी पर सुनवाई की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर ली है। 10 बागी विधायकों की याचिका के साथ ही इस मामले की सुनवाई भी मंगलवार को होगी।
अब मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट 5 बागी विधायकों के. सुधाकर, रोशन बेग, एमटीबी नागराज, मुनिरत्न और आनंद सिंह की याचिका पर सुनवाई करेगा। इसके पहले, कर्नाटक के 10 बागी विधायकों ने विधानसभा स्पीकर द्वारा इस्तीफा स्वीकार ना करने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले में कोर्ट के आदेश के बाद विधायकों ने स्पीकर को दोबारा इस्तीफा सौंपा था। जबकि कोर्ट के आदेश के बाद स्पीकर ने भी याचिका दायर की थी और इस्तीफे पर फैसले के लिए कुछ और वक्त देने की मांग थी।
इस मामले मे सुनवाई के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। इसके मुताबिक, 16 जुलाई (मंगलवार) से पहले स्पीकर ना तो विधायकों के इस्तीफे पर फैसला ले सकते हैं और ना ही उनकी अयोग्यता पर कोई फैसला सुना सकते हैं। बागी विधायकों ने याचिका में स्पीकर पर जानबूझकर इस्तीफा स्वीकार ना करने का आरोप लगाया था।
जबकि सुनवाई के दौरान बागी विधायकों की ओर से वकील मुकुल रोहतगी ने दलील देते हुए कहा था कि ये मामला केवल इस्तीफे का है। बागी विधायक पब्लिक में, टीवी, कोर्ट हर जगह कह रहे हैं कि वे इस्तीफा देना चाहते हैं, ऐसे में एक लाइन के इस्तीफे को पढ़ने के लिए स्पीकर को कितना वक्त चाहिए। जबकि स्पीकर की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी थी कि कानूनन, स्पीकर जब संतुष्ट होंगे तब इस्तीफा स्वीकार किया जाता है और इसमें वक्त लगता है। उन्होंने कहा था कि जिस तरह से याचिकाकर्ता चाहते है कि तुरंत इसपर फैसला लिया जाए, ये संभव नहीं है।