बंगलूरू:कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर के 17 अयोग्य विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने येदियुरप्पा सरकार की चिंता बढ़ा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में जहां विधायकों को अयोग्य करार देने के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को बरकरार रखा वहीं उनके अनिश्चितकाल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी हटा दी।
अब ये 17 विधायक पांच दिसंबर को 15 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में लड़ सकते हैं। दो सीटों (मस्की और राजराजेश्वरी विधानसभा) पर चुनाव इसलिए नहीं हो रहे हैं क्योंकि इनसे संबंधित याचिकाएं कर्नाटक हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं।
आगामी उपचुनाव में येदियुरप्पा सरकार को हर हालत में छह सीटों पर जीत दर्ज करनी होगी। ऐसा नहीं होने पर भाजपा सरकार अल्पमत में आ जाएगी। वर्तमान में विधानसभा में बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरुरत है जबकि भाजपा को 106 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
आगामी 15 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के बाद बहुमत का आंकड़ा बढ़कर 112 हो जाएगा। भाजपा को अपनी सरकार बचाने के लिए छह और विधायकों के समर्थन की जरुरत पड़ेगी।
कर्नाटक विधानसभा की मौजूदा स्थिति
कुल सीट-224
खाली सीट-17
वर्तमान में विधानसभा में कुल विधायक- 207
वर्तमान में बहुमत- 104
भाजपा+ -106
कांग्रेस-66
जेडीएस-34
अन्य-1
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और इसे विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष केआर रमेश कुमार और कांग्रेस नेता सिद्धरमैया की साजिश के खिलाफ आया फैसला बताया। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि भाजपा सभी 15 सीटों पर जीतेगी। उन्होंने कहा कि अयोग्य विधायकों को टिकट देने के बारे में फैसला पार्टी लेगी।
येदियुरप्पा ने कहा कि सारा देश इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। पूर्व अध्यक्ष रमेश कुमार ने सिद्धरमैया के साथ मिलकर साजिश रची लेकिन उच्चतम न्यायालय ने इस बारे में स्पष्ट फैसला दिया।
अयोग्य विधायकों को टिकट देने के बारे में उन्होंने कहा कि इस बारे में आज कोर कमेटी में चर्चा करेंगे और शाम तक फैसला लेंगे।
कांग्रेस ने कर्नाटक के 17 विधायकों को अयोग्यता संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बुधवार को प्रदेश की बी एस येदियुरप्पा सरकार के नाजायज होने का आरोप लगाया और कहा कि इसे तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी येदियुरप्पा सरकार को बर्खास्त करने और विधायकों की ऑपरेशन कमल की जांच का साहस दिखा पाएंगे?
उन्होंने ट्वीट कर दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने कर्नाटक में ऑपरेशन कमल के ढोल की पोल खोल दी। अब साफ है कि भाजपा ने जेडीएस-कांग्रेस की चुनी सरकार को जबरन गिराया था।
रणदीप सुरजेवाला ने यह मांग भी की जनमत और प्रजातांत्रिक मूल्यों की मांग है कि न केवल नाजायज येदियुरप्पा सरकार बर्खास्त हो पर विधायकों की धन बल के आधार पर खरीद कर चुनी हुई सरकार गिराने के भाजपाई षड्यंत्र की जांच हो।
कांग्रेस नेता ने कहा कि येदियुरप्पा टेप्स की जांच हो। ये सारा काला धन कहां से आया? भाजपा नेतृत्व की क्या भूमिका थी?
उन्होंने सवाल किया कि अब गेंद प्रधानमंत्री मोदी जी के पाले में है। क्या राजनीति की शुचिता की रोज दुहाई देने वाले मोदी जी अब नाजायज येदियुरप्पा सरकार को बर्खास्त करने का साहस दिखाएंगे? क्या ऑपरेशन कमल की निष्पक्ष जांच होगी? क्या येदियुरप्पा व अमित शाह की भूमिका की जांच होगी?