इस्लामाबाद : भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर दूसरे दौर की वार्ता 14 जुलाई को होगी। भारत की ओर से पिछले हफ्ते पाकिस्तान को 11 से 14 जुलाई की तारीखों का प्रस्ताव दिया गया था। गौरतलब है कि वार्ता का दूसरा दौर पहले दो अप्रैल को तय हुआ था लेकिन भारत ने इसे टाल दिया था। पाकिस्तान ने खालिस्तान के एक नेता को करतारपुर कॉरिडोर के लिए बनी कमेटी में नियुक्त किया था और भारत इस बात से नाराज था। इसी नाराजगी के चलते भारत ने अप्रैल में होने वाली वार्ता को आगे बढ़ा दिया।
14 जुलाई को जो वार्ता होनी है उसमें कॉरिडोर को लेकर बने ड्रॉफ्ट एग्रीमेंट को ध्यान में रखकर वार्ता को आगे बढ़ाया जाएगा। इस ड्राफ्ट में तीर्थयात्रियों के आने जाने से जुड़ी बातों के अलावा कॉरिडोर के इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में भी कई अहम बिंदु हैं। पहले दौर की वार्ता 14 मार्च को अटारी-वाघा बॉर्डर पर हुई थी। भारत ने पहले दौर की वार्ता के दौरान प्रस्ताव दिया था कि कॉरिडोर को भारतीय नागरिकों और एनआरआई के लिए खोला जाना चाहिए और 5,000 लोगों को रोजाना दर्शन की मंजूरी मिलनी चाहिए। पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव पर कहा था कि सिर्फ 700 तीर्थयात्रियों और वह भी सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही मंजूरी दी जा सकती है। पाक ने इसके लिए भी एक रकम के बाद परमिट देने की बात कही थी।
दर्शन के लिए भारतीय पासपोर्ट को पहचान के तौर पर माना जाएगा। दूसरे दौर की वार्ता से पहले दोनों देशों के अधिकारी, तीन दौर की वार्ता कर चुके हैं जो तकनीकी स्तरों से जुड़ी थी। भारत की तरफ से कॉरिडोर का काम 45 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है और अब चार लेन वाले हाइवे और पैसेंजर बस टर्मिनल से लैस बिल्डिंग का काम जारी है। इस पूरे कॉरिडोर प्रोजेक्ट की तय सीमा इस वर्ष अक्टूबर में खत्म हो जाएगा। नवंबर में जब गुरुनानक देवजी की 550वीं जन्मतिथि होगी तो उस समय इस कॉरिडोर को खोला जा सकता है।