सुमित्रा कासडेकर कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री रहे अरुण यादव की सबसे ज्यादा करीबी बानी जाती हैं। अरुण यादव के पिता सुभाष यादव दिग्विजय सिंह के शासन काल में उप मुख्यमंत्री रहे हैं। पूर्वी निमाड़ और पश्चिमी निमाड़ में यादव खेमे का अच्छा खासा दबदवा रहा हैं। इसी के चलते अरुण यादव खंडवा से सांसद भी बने राहुल गाँधी के करीबी होने से उन्हें केंद्र में मंत्री पद भी मिला। वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही केंद्र में मंत्री भी रहे हैं।
खंडवा (निशात सिद्दीकी ) : राजनीतिक बिसात पर कांग्रेस की मोहरें लगातार पला बदलती नजर आ रही हैं। अभी राजस्थान के राणाकी लड़ाई ख़त्म भी नहीं हुई कि मध्यप्रदेश से फिर एक कांग्रेस विधयक के इस्तीफे की खबर आ गई। इस बार कांग्रेस के कद्दावरनेता और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव खेमे की नेपानगर विधानसभा सीट से विधायक श्रीमती सुमित्रा देवी कासडेकर ने नेपानगर विधानसभा से अपना इस्तीफ़ा दे कर सभी को चौका दिया। हालांकि इस्तीफे की खबर के बाद से ही उनका फोन बंद होगया। इधर भाजपा भी कासडेकर के इस्तीफे के बाद उनका खुलकर स्वागत करती नजर आ रही है। कासडेकर के विरुद्ध चुनाव लड़ी नेपानगर की भाजपा नेता मंजू दाद्दु और खंडवा के भाजपा विधायक ने कासडेकर के इस्तीफे को सही करार देते हुए उनका भाजपा में स्वागत तक कर दिया।
मध्यप्रदेश के सियासी घमासान में रोज कोई न कोई नया पेज सामने आता हैं। इसबार नेपानगर से कांग्रेस की विधायक श्रीमती सुमित्रा देवी कासडेकर के इस्तीफे की खबर ने सियासी अखाड़े में ताल ठोक दी हैं। सुमित्रा कासडेकर कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री रहे अरुण यादव की सबसे ज्यादा करीबी बानी जाती हैं।
अरुण यादव के पिता सुभाष यादव दिग्विजय सिंह के शासन काल में उप मुख्यमंत्री रहे हैं। पूर्वी निमाड़ और पश्चिमी निमाड़ में यादव खेमे का अच्छा खासा दबदवा रहा हैं। इसी के चलते अरुण यादव खंडवा से सांसद भी बने राहुल गाँधी के करीबी होने से उन्हें केंद्र में मंत्री पद भी मिला। वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही केंद्र में मंत्री भी रहे हैं। सुमित्रा देवी कासडेकर का इसतरह इस्तीफा देना यादव खेमे के लिए लिए बड़ा झटका हैं।
हालांकि अरुण यादव को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद से ही यादव गुट के कर्यकर्ता पार्टी से नाराज रहे हैं। कासडेकर का यूँ इस्तीफा देना बहुत से सवालों को जन्म देता हैं। इस सभी सवालों का जवाब कासडेकर ही दे सकती है कि आखिर उन्होंने यह कदम क्यों उठाया।
लेकिन भाजपा में ख़ुशी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि भाजपा के टिकट पर कासडेकर के खिलाफ नेपानगर से चुनाव लड़ाई मंजू दादू भी अब उनके भाजपा में शामिल होने की बात पर उनका स्वागत कर रही ही। मंजू दादू नेपानगर के पूर्व विधायक स्वर्गीय राजेंद्र दादू की पुत्री हैं। राजेंद्र दादू भी शिवराज के करीबी रहे हैं। इधर खंडवा से भाजपा विधायक देवेंद्र वर्मा भी अब सुमित्रा कासडेकर के इस्तीफे को जायज करार देते हुए कासडेकर का भाजपा में स्वागत किया है।