साइंस की टीचर अनामिका शुक्ला का नाम इन दिनों खासा चर्चाओं में है। इसकी वजह है कि वो एक नहीं, बल्कि 25 स्कूलों में एक साथ ड्यूटी कर रही है। यही नहीं, वो 13 महीने की करीब 1 करोड़ की तनख्वाह भी ले चुकी है। साइंस टीचर के इस कारनामे से हर कोई हैरान और परेशान है। वहीं, ऐसा मामला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद कासगंज जिले में भी अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका की तलाश की गई तो कस्तूरबा विद्यालय में यह शिक्षिका पाई गई।
कासगंज: उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में एक साथ ड्यूटी करने वाली साइंस टीचर अनामिका शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कासगंज पुलिस ने यह गिरफ्तारी शनिवार को की है। दरअसल, अनामिका शुक्ला कासगंज के कस्तूरबा विद्यालय फरीदपुर में पूर्णकालिक रूप से सेवाएं दे रही थीं। शुक्रवार को बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) ने शिक्षिका के वेतन आहरण पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया था। जिसके बाद वो अपना इस्तीफा देने बीएसए दफ्तर के बाहर पहुंची, जहां से पुलिस ने उन्हें पकड़ा है। फिलहाल पुलिस अनामिका शुक्ला से पूछताछ कर रही है।
साइंस की टीचर अनामिका शुक्ला का नाम इन दिनों खासा चर्चाओं में है। इसकी वजह है कि वो एक नहीं, बल्कि 25 स्कूलों में एक साथ ड्यूटी कर रही है। यही नहीं, वो 13 महीने की करीब 1 करोड़ की तनख्वाह भी ले चुकी है। साइंस टीचर के इस कारनामे से हर कोई हैरान और परेशान है। वहीं, ऐसा मामला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद कासगंज जिले में भी अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका की तलाश की गई तो कस्तूरबा विद्यालय में यह शिक्षिका पाई गई। एक दिन पूर्व शुक्रवार को बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) ने शिक्षिका के वेतन आहरण पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया और व्हाट्सएप पर भेजा गया था।
शुक्रवार की शाम शिक्षिका ने इस नोटिस को देखा तो शनिवार सुबह को वो अपना इस्तीफा देने बीएसए दफ्तर के बाहर पहुंची। अपने साथ आए एक युवक के माध्यम से उसने इस्तीफा की प्रति बीएसए को भेजी। जब युवक से शिक्षिका के बारे में पूछताछ की तो उसने बताया कि अनामिका शुक्ला बाहर सड़क पर खड़ी हैं। इस पर बीएसए अंजली अग्रवाल ने सोरों पुलिस को मामले की जानकारी दी और कार्यालय के स्टाफ के माध्यम से घेराबंदी कर ली। पुलिस ने तुरंत आकर शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया और सोरों कोतवाली ले आई। कोतवाली प्रभारी रिपुदमन सिंह ने बताया कि शिक्षिका अनामिका शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने आरोपित शिक्षिका अनामिका शुक्ला और उसके अभिलेखों का दुरुपयोग करने वाली अन्य शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि पहले सभी केजीबीवी में शिक्षकों की उपस्थिति रजिस्टर में मैनुअली दर्ज होती थी। इसमें बड़े पैमाने पर अनियमितताएं होती थी। एक की जगह दूसरी शिक्षिका अटेंडेंस भर देती थीं। इस अनियमितता पर अंकुश लगाने के लिए विभाग ने प्रेरणा ऐप के जरिए शिक्षकों की उपस्थिति की डिजिटल मॉनिटरिंग शुरू की। इसमें पाया गया कि बागपत में बड़ौत क्षेत्र में स्थित केजीबीवी की विज्ञान शिक्षिका अनामिका शुक्ला लंबे समय से से अनुपस्थित हैं। यह तथ्य सामने आने पर उनका वेतन भुगतान रोक दिया गया।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि अनामिका शुक्ला प्रदेश के 25 अलग-अलग कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नौकरी कर रही हैं और वहां से मानदेय भी प्राप्त कर रही हैं। ऐसी खबर मीडिया में आने के बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए थे। उन्होंने बताया कि बागपत में मामला उजागर होने पर शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया गया है और उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी गई है। जिन अन्य स्थानों पर इस मामले में गड़बड़ी का पता चला है वहां भी एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दे दिए गए हैं।
बता दें कि मैनपुरी की निवासी अनामिका शुक्ला नामक टीचर की पोस्टिंग प्रयागराज, अंबेडकरनगर, अलीगढ़, सहारनपुर, बागपत सहित अन्य जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) स्कूलों में पाई गई है। इन स्कूलों में टीचर्स की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर होती है और हर महीने 30 हजार रुपए की तनख्वाह रहती है। 13 महीनों के दौरान टीचर पर कथित तौर पर एक करोड़ रुपए कमाने का आरोप लगा है।
वहीं, बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश कुमार द्विवेदी ने कहा कि विभाग ने जांच का आदेश दिया है और आरोप सत्य होने पर शिक्षिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमारी सरकार के आने के बाद से ही डिजिटल डेटाबेस पारदर्शीता के लिए बनाया जा रहा है। इस मामले अगर विभाग के किसी भी अधिकारी की कोई संलिप्तता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। केजीबीवी स्कूलों में अनुबंध के आधार पर भी नियुक्तियां की जाती हैं। विभाग इस शिक्षिका के बारे में सही तथ्यों का पता लगा रहा है।