अनुच्छेद 370 पर सीपीआई (एम) नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी और राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस करके मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।
येचुरी ने कहा कि कश्मीर के हालात सामान्य नहीं है। कश्मीर का मुद्दा अब कोर्ट के पास है। कोर्ट को ही इस पर फैसला सुनाने का हक है।
यूसुफ तारिगामी ने कहा कि भाजपा का दावा है कि एक भी गोली नहीं चलाई गई है और कोई भी मारा नहीं गया है। लेकिन, सच्चाई ये है कि कश्मीरी धीरे धीरे मौत के करीब जा रहे हैं। हम भी जीना चाहते हैं। एक कश्मीरी, एक हिंदुस्तानी बोल रहा है यह। ये मेरी अपील है, हमारी भी सुनें। ये बोलते हुए तारिगामी की आंखों से आंसू आ गए।
येचुरी ने कहा, ‘मैंने कोर्ट में दायर किए हलफनामे में कहा गया था कि कश्मीर की जमीनी हकीकत कुछ और है। जोकि सरकारी दावे के एकदम विपरीत है। एक राज्य दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंट गया है और इसके क्या परिणाम होंगे।
इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में एक अलग याचिका दायर की जा रही है। वहीं कॉमरेड तारिगामी ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए कोर्ट में चुनौती दी है।
येचुरी ने कहा कि वहां पर लोगों को आजीविका में दिक्कत हो रही है। 40 दिन से अधिक समय हो गया है, संचार पूरी तरह से बंद है। हम पार्टी के उन लोगों तक भी नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिनके पास लैंडलाइन है। वहां पर कोई सार्वजनिक परविहन नहीं है। अस्पतालों में दवाओं की कमी की भी खबरें आ रही हैं।
वहीं माकपा नेता मोहम्मद युसूफ तारीगामी ने कहा, ‘मैं परेशान हूं। इस शासन से हमें बहुत उम्मीदें नहीं थीं, लेकिन, मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि वे एक संवैधानिक प्रावधान को अलविदा कहने के लिए इतने उतावले होंगे। कश्मीर के लोग मजबूर नहीं थे। मैं इस स्थिति को देखकर चिंतित हूं। -एजेंसी