कौशाम्बी : उत्तर प्रदेश में आये दिन क्राइम बढता ही जा रहा है जिससे कि पुलिस के साथ – साथ प्रदेश सरकार की भी तौहीन होती नजर आ रही है व जनता का विश्वास सरकार से दिनों दिन उठता जा रहा है । इस सब का जिम्मेदार महज पुलिस प्रशासन है जिसके चलते पूरी भाजपा प्रदेश सरकार से लेकर केन्द्र की भाजपा सरकार व खासकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी किरकिरी कम नहीं हो रही है ।
बताते चलें कि कौशाम्बी जनपद के चरवा थाना क्षेत्र के समसपुर ग्राम पंचायत में रामलखन कोरी जो कि वर्तमान ग्राम प्रधान है, पर गांव के दबंग ने जान से मारने के लिए फायरिंग कर दिया लेकिन गोली सर के ऊपर से निकल गयी व प्रधान की जान बची । पीड़ित दलित प्रधान ने बताया कि गांव के ही दबंग बब्लू पुत्र ध्रुव पाण्डेय से बीते लगभग 3 महीना को शौचालय व आवास मांगने के सम्बंध में बहस हो गई जिसमें की ग्राम पात्रता सूची में नाम न होने अर्थात अपात्र होने के कारण मैंने मना किया जिसके विरोध में उक्त दबंग पाण्डेय ने 2 तमाचा लगा दिया जिसकी शिकायत थाने में दर्ज कराने गया लेकिन स्थानीय पुलिस ने मुझ पर ही दबाव डालते हुए कोई कार्यवाही नहीं किया, उसी प्रकार अभी पुनः 2 मार्च को होली के दिन दरवाजे पे आकर वही दबंग बबलू ने वही बात को लेकर मेरे ऊपर अवैध रिवाल्वर से जानलेवा हमला किया लेकिन गोली ऊपर से निकल गयी जिसमें की मौजूद ग्रामीणों ने बचाने में काफी मदद की जिससे कि जान बची ।
इसी बात को लेकर ग्राम प्रधान अपनी तहरीर लेकर थाना चरवा गएं लेकिन वहां प्रधान के साथ ही पुलिस ने गलत ठहराते हुए अपराधी का पक्ष लेते हुए कहा कि केवल फायर किया है गोली तो लगी नही इसमे किस बात की रिपोर्ट दर्ज किया जाए , फिर ग्राम प्रधान ने सैकड़ों ग्रामीणों के साथ आकर जिलाधिकारी को सारी हरकतें बताया जिसमे की लिखित शिकायत भी दिया, जिसमें केवल आश्वसन ही मिला । इस गम्भीर मामले में क्षेत्र की जनता में काफी रोष है व जनता जानना चाहती है कि क्या ग्राम प्रधान दलित समाज का है इस लिये रिपोर्ट नही दर्ज किया जा रहा है? बताते चलें कि कौशाम्बी जनपद सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का ग्रह जनपद भी है । जिससे सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि अगर सूबे के डिप्टी सीएम के गृह जनपद में दलितों का अत्याचार व पुलिसिंग कार्यवाही का ये आलम है तो अन्य जनपदों में क्या न होता होगा ।
@ इश्तियाक अहमद