कवर्धा : जलेश्वर महादेव स्वयंभू है, स्वयं प्रकट हुए हैं तथा उनको तोड़ने पर वे स्वयं पुनः प्रकट हो जाएंगे इस अंधविश्वास के चलते एक युवक ने लाखों श्रद्घालुओं के आस्था के केन्द्र ग्राम डोंगरिया में स्थित शिवलिंग को तोड़ दिया। घटना को अंजाम देने वाले आरोपी पांडातराई के सोनारपारा निवासी आकाश मिश्रा पिता जागेश्वर मिश्रा (24) को पुलिस ने दो दिनों में पकड़ लिया गया है। तथा आरोपी के खिलाफ मामला पंजीबद्घ कर न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया है। आईजी ने कवर्धा पुलिस को 30 हजार रुपए देने की घोषणा की।
मामले का खुलासा करते हुए आईजी जीपी सिंह ने बताया कि क्षेत्र में आरोपी की पतासाजी के लिए 12 टीम गठित की गई थी साथ ही सादे वर्दी में 65 पुलिस अधिकारी-कर्मचारी तैनात थे। मामले में मुंगेली, बिलासपुर, राजनांदगांव व बेमेतरा में भी पुलिस टीम आरोपी की पतासाजी के लिए भेजे गए थे।
आईजी ने बताया कि पांडातराई व आसपास के क्षेत्रों में विभाग की टीम लगातार लोगों से पूछताछ कर रहे थे। इस दौरान मुखबीर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई थी कि घटना दिनांक को अज्ञात व्यक्ति को पांडातराई के कुछ युवाओं ने मंदिर परिसर में रात्रि लगभग 12 बजे जाते हुए देखा था।
इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने रात्रि में मंदिर परिसर में घुमने वाले संदिग्धों की जानकारी एवं सूची एकत्रित किया गया जिस अज्ञात संदिग्ध व्यक्ति को पांडातराई के युवकों ने देखा था उनसे पूछताछ की गई तो पता चला कि सोनार पारा निवासी आकाश मिश्रा मंदिर गया था, मंदिर जाने के पूर्व आकाश के दोस्तों ने उससे पूछा तो उसने कहा था कि वह सिद्घी प्राप्त करने के लिए जा रहा है।
तत्पश्चात पुलिस टीम ने संदेह के आधार पर आकाश को हिरासत में लिया और कड़ाई से पूछताछ किया तो आकाश ने शिवलिंग को तोड़ना बताया। आकाश की धारणा थी कि जलेश्वर महादेव स्वयं-भू है, स्वयं प्रकट हुए हैं तथा उनको तोड़ने पर वे स्वयं प्रकट हो जाएंगे, इसके चलते शिवलिंग को तोड़ा, आकाश का यह भी मानना था कि शिवलिंग का आकार लगातार बढ़ रहा था इसे तोड़े जाने पर शिवलिंग पुनः प्रकट हो सकेंगे।
घटना के दिन मंदिर परिसर में रखे लोहे के राड से आकाश ने शिवलिंग पर प्रहार किया, जिससे शिवलिंग कई टुकड़ों में बंट गया और उसे पानी में फेंक दिया। घटना के बाद आकाश रात में अपने घर चला गया। दूसरे दिन जब श्रद्घालुओं के बीच हलचल मची तो वह पुनः मंदिर परिसर भी गया और लोगों के आंदोलन को चुपचाप देखता रहा। आईजी ने बताया कि घटना में उपयोग किए गए लोहे के राड को जब्त कर लिया गया है तथा शिवलिंग के टुकड़े को पानी में तालाशी के दौरान प्राप्त कर लिए थे।
आईजी ने बताया कि शिवलिंग के क्षतिग्रस्त होने पर लोगों के बीच शिवलिंग को ता़ेडे जाने के संबंध में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही थी, लोगों का कहना था कि जब शिवलिंग को तोड़ा गया तो इसकी आवाज यहां के पुजारी के कमरे तक आई होगी बावजूद इसके पुजारी को पता कैसे नहीं चला? इस संबंध में घटना के दूसरे दिन पुलिस विभाग ने रिक्रिएशन कर देखा गया जिसमें हथौड़ा, छीनी घन से अन्य पत्थरों पर वार कर देखा गया जिसकी आवाज कूलर, पंखा चलने के कारण पंडित के कमरे तक नहीं आ रही थी।
ज्ञात हो कि दो वर्ष पूर्व आकाश काली मंदिर तिफरा में चार माह तक पुजारी का कार्य कर चुका है तथा ग्राम खड़ौदा के बजरंगबली मंदिर में कुछ समय तक पुजारी का कार्य किया था। वह स्वयं जलेश्वर महादेव पर पूरी आस्था रखता है।
शिवलिंग को तोड़ने के एक दिन पूर्व आकाश घर में अपने पिता से विवाद होने के कारण जलेश्वर महादेव में आकर भूखा प्यासा सोया हुआ था। उसका कहना था कि घर में जब खाने को कुछ नहीं मिला तो भगवान भोला महराज उन्हें खाना के लिए पूछेंगे इस कारण मंदिर में रूका हुआ था।