केरल सरकार ने सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर कर चुकी है। इससे पहले केरल सरकार राज्य विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित कर चुकी है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन साफ कर चुके हैं की राज्य में सीएए और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण) लागू नहीं होगा।मुंबई: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मुंबई में सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को लेकर चल रही एक सभा को संबोधित करते हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को खारिज करने की बात दोहराई। विजयन ने कहा कि पिछले कई हफ्तों से मुंबई के नागरिकों ने समाज के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को तोड़ने के लिए हिंदुत्व के प्रयासों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया है। मैं धर्मनिरपेक्षता और भारतीय संविधान की रक्षा में शहर भर में किए जा रहे संघर्षों के साथ एकजुटता व्यक्त करता हूं।
विजयन ने आगे कहा कि सीएए को तीन कारणों से खारिज कर दिया जाना चाहिए-
यह हमारे संविधान के पत्र और भावना के खिलाफ है।
यह मानवाधिकारों को भेदभावपूर्ण और हिंसक बनाता है।
इसके अलावा यह संघ परिवार के मिशन ‘हिंदू राष्ट्र’ को आगे बढ़ाता है।
#WATCH Kerala CM P Vijayan in Mumbai: CAA should be rejected due to 3 reasons: 1st, it is against the letter&spirit of our Constitution.2nd, it is deeply discriminatory&violative of human rights.3rd it seeks to impose philosophy of Sangh parivar with it mission of ‘Hindu Rashtra’ pic.twitter.com/lihVaztp9H
— ANI (@ANI) February 2, 2020
बता दें कि केरल सरकार ने सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर कर चुकी है। इससे पहले केरल सरकार राज्य विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित कर चुकी है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन साफ कर चुके हैं की राज्य में सीएए और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण) लागू नहीं होगा। अपने इस कदम को लेकर केरल सरकार का कहना है कि यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 25 के साथ-साथ धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांत के भी खिलाफ है।
पिनराई विजयन की सरकार ने सीएए को रद्द करने की मांग वाले प्रस्ताव को राज्य विधानसभा में सबसे पहले पारित किया था। विजयन से साफ कहा है कि केरल में यह कानून लागू नहीं होगा। प्रस्ताव को पेश करते हुए विजयन ने कहा था कि सीएए धर्मनिरपेक्ष नजरिए और देश के ताने बाने के खिलाफ है तथा इसमें नागरिकता देने में धर्म के आधार पर भेदभाव होगा।