कोझिकोड : केरल में हो रहे चुनाव में 25 वर्षीय अब्दुल समद पीएनसी ने अपने पैर के अंगूठे से लोकतंत्र को मजबूत किया। मलप्पुरम जिले में पलिक्कर के पास मुझांगलोर के रहने वाले समद के हाथ नहीं है, लेकिन चुनाव में उन्होंने पैर के अंगूठे से मतदान किया।
उनका यह कदम ऐसे लोगों के लिए एक मिसाल है, जो मतदान नहीं करने के लिए बहानों की तलाश करते हैं। राज्य के 2.6 करोड़ मतदाताओं को बस एक बटन दबाकर सरकार का निर्धारण करना है। मगर, कई लोग बहाने बनाकर वोट नहीं डालते हैं। ऐसे में समद ने बूथ पर पहुंचकर पैर के अंगूठे से वोट डालकर मिसाल कायम की।
पिछले सात सालों में ऐसा एक भी बार नहीं हुआ है कि उन्होंने मतदान नहीं किया हो। एमए सोशियोलॉजी कर रहे समद के हाथ 11 साल की उम्र में बिजली का झटका लगने के बाद कट गए थे। फिर भी, वह जिस उम्मीदवार का समर्थन कर रहे थे उसके पक्ष में वोट मांगने के लिए सबसे आगे रहे और अपने वार्ड के लगभग सभी घरों का दौरा कर उन्होंने मतदान करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि हर मतदान का दिन मेरे लिए एक यादगार अनुभव देने वाला रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक दिन है जब मुझे लगता है कि मेरी आवाज भी मायने रखती है। अपने मतदान दिन के अनुभवों को याद करते हुए समद कहते हैं अक्सर जब वह मतदान करते जाते हैं, तो वहां अधिकारियों के बीच भ्रम की स्थिति होती है।
पिछली बार एक अधिकारी ने मेरे कंधे पर मेरी कमीज उठाकर जांच की। मेरे उंगलियों नहीं है, इसलिए उन्होंने मेरे बाएं पैर के दूसरे पैर की अंगुली पर स्याही लगाई और मैंने अपने पैर से रजिस्टर में हस्ताक्षर किए थे।