नई दिल्ली- केरल कैडर की पहली अधिकारी ने एडीजीपी रैंक के एक अधिकारी पर 29 साल तक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। महिला आईपीएस ने अपने फेसबुक पोस्ट पर इस बात का खुलासा करते हुए लिखा कि एडीजीपी तोमिन जे थचांकेरी 1987 से उन्हें परेशान कर रहे हैं। हालांकि थचांकेरी ने श्रीलेखा के सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि उन पर लगाए जा रहे सभी आरोप बेबुनियाद हैं।
एडिशनल डीजीपी आर. श्रीलेखा ने अपने फेसबुक पोस्ट पर इस बात का खुलासा करते हुए लिखा कि एडीजीपी तोमिन जे थचांकेरी 1987 से उन्हें परेशान कर रहे हैं। जब उनकी आईपीएस की ट्रेनिंग चल रही थी। उन्होंने बताया कि हाल ही में एक वाहन कर चोरी के मामले में उनके खिलाफ चल रही सतर्कता जांच के पीछे भी उन्ही का हाथ था। बता दें कि थ्रिसूर की विजिलेंस कोर्ट ने हाल ही में दिए अपने एक आदेश में पूर्व ट्रांसपोर्ट कमिश्नर रही श्रीलेखा के खिलाफ जांच की बात कही थी।
श्रीलेखा ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि ये पूरा मामला एडीजीपी रिषिराज सिंह के कार्यकाल के दौरान की है। उस समय वही ट्रांसपोर्ट कमिश्नर थे, लेकिन ये शिकायत उस समय की गई जब थचांकेरी ने इस पद को संभाला। थचांकेरी ने इस मामले में मुझे फंसाने के लिए शिकायत में मेरा नाम शामिल कराया।
उन्होंने आगे लिखा है कि तोमिन के प्रताड़ना से वह ‘बीमार’ हो गई हैं। उन्होंने तोमिन पर शिकायतकर्ता से सतर्कता उप अधीक्षक से मिली गोपनीय जानकारी साझा करने का भी आरोप लगाया है।
तोमिन ने कहा कि विभाग में सबको पता है कि कौन किसको कितने साल से प्रताडि़त कर रहा है। वह श्रीलेखा के एफबी पोस्ट को बड़े अधिकारियों के सामने रखेंगे।