खंडवा। जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर गोकुलगांव में बीती रात हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसके चलते गांव में दहशत का माहौल बन गया है हलाकि प्रशासन ने भूकंप की बात से इनकार किया है।
शहर से करीब 12 कि मी दूर गोकु ल ग्राम में दहशत है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले तीन दिनों से जमीन के नीचे से बम फूटने जैसी आवाजें आ रही हैं। जमीन हिलने लग जाती है। यह सब कु छ सेकंड के लिए होता है। गांव से करीब एक कि मी दूर नाले में लावे की तरह उबलकर पीली मिट्टी बाहर आ रही है। तीन दिनों में सात से अधिक बार ऐसा हुआ है। कु छ लोगों ने इसे दैवीय प्रकोप मानकर पूजापाठ करना शुरू कर दिया है। मामले में प्रशासन का कहना है कि ग्रामीणों को समझाइश दी गई है।
वहीं इस बात की खबर लगते ही एसडीएम संजीव पांडे अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे और लोगों से घटना की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही नागपुर से भूगर्भीय टीम आएगी जिसकी जांच के बाद वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा। हालांकि इस धरती कंपन से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले तीन दिनों से लगातार इस तरह की हलचल हो रही है। जिससे ग्रामीण डरे हुए हैं। ग्रामीण शुभम गौड़ ने बताया कि आवाज के साथ ही जमीन थरथराने लगी। घरों के बर्तन गिर गए। डर की वजह से लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। साहेबसिंह सूर्यवंशी का कहना है कि इससे पहले गांव में इस तरह की घटना कभी नहीं हुई। गनीमत है कि अभी तक कि सी तरह की जनहानि नहीं हुई है।
राहुल तंवर ने बताया कि गांव में भय का माहौल है। कै लाश सावनेर ने बताया कि गांव से करीब एक कि मी दूर दानवई बाबा का मंदिर है। मंदिर से कु छ ही दूर पर स्थित नाले से पीली मिट्टी निकल रही है।
महेन्द्र सिसौदिया ने बताया कि आसपास की जगह भी हिल रही है। नाले में पत्थरों को पैर से हिलाने पर आसपास की जमीन हिलने लग जाती है। गोपाल तंवर ने बताया कि रविवार को रात में तीन से चार बजे के बीच में भी आवाज आने के साथ ही जमीन में कंपन हुआ था। डर के मारे लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
बीती रात हुई घटना से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है, पर गांव के कुछ पुराने घरों की दीवारों में दरार और ढ़लान पड़ गई है। वहीं एसडीएम संजीव पांडे ने ग्रामीणों को समझाया कि इस क्षेत्र में भूकंप का कोई जोन नही हैं।
ऐसा क्यों और कैसे हो रहा हैं इस बात का पता लगाने के लिए नागपुर से जीएसआई की टीम आ रही है। जीएसआई टीम द्वारा जांच के बाद ही वास्तविक कारणों का पता चलेगा।