खंडवा : खंडवा के महारानी लक्ष्मीबाई स्कूल में चल रहे प्रशिक्षण में शिक्षकों ने खाना नहीं मिलने से खूब बवाल मचाया। शिक्षकों ने ठेकेदार पर आरोप लगाया कि ठेकेदार ने पर्याप्त खाना न बना कर कम लोगों का खाना बनाया जिसके चलते बहुत से लोग भूखे रह गए।
शिक्षकों ने शिक्षा विभाग पर भी आरोप लागए। शिक्षकों ने पहले तो खूब बवाल किया बाद ने नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। ठेकेदार ने पल्ला झड़ते हुए शिक्षा विभाग पर ही ठीकरा फोड़ दिया।
खंडवा के महारानी लक्ष्मीबाई हायर सेकंड्री स्कुल में चल रहे एक दिवसीय निदानात्मक प्रशिक्षण शिविर में उस वक्त हंगामा मच गया जब 410 शिक्षकों में से 200 शिक्षकों को ही भोजन मिल पाया।
इस बात से गुस्साए शिक्षकों ने खूब बवाल काटा। उन्होंने कहा कि वे सुबह से भूखे पेट प्रशिक्षण ले रहे हैं उन्हें खाना भी नहीं दिया जा रहा। जिन शिक्षकों को खाना मिला उन्हें भी स्तरहीन खाना दिया गया।
शिक्षकों का कहना था की भूखे पेट तो भजन भी नहीं होते तो हम भूखे पेट प्रशिक्षण कैसे लेंगे।
बता दें की सभी शिक्षक जिले के सुदूर अंचलो से यहाँ प्रशिक्षण लेने आये हुए थे। प्रशिक्षण खंडवा की महारानी लक्ष्मीबाई सहित दो अन्य स्कूलों में दिया जा रहा था। शिक्षकों के खाने की व्यवस्था महारानी लक्ष्मीबाई स्कुल में की गई थी।
प्रशिक्षण लेने आये शिक्षकों ने आरोप लगाया की ठेकेदार ने कमीशन के चलते कम खाना बनाया जिससे आधे शिक्षक खाना खाने से महरूम रह गए। टीचरों का आरोप था जो खाना खिलाया गया उसकी गुणवक्ता भी सही नहीं थी।
वहीं ठेकदार ने कहा कि उसे जितना बताया गया था उसने उतने लोंगो का भोजन बना कर दे दिया था। ठेकेदार का तर्क था की बहुत सी बार शिक्षक कम आते हैं जिससे खाना बच जाता हैं और उसे फैकना तक पड़ता हैं इसलिए भी कम खाना बनाया था।
ठेकेदार ने कहा कि जैसे ही पता चला की खाना ख़त्म हो गया हैं वैसे ही हमने खाना और बनाने की तैयारी कर ली है कुछ देर में सभी को खाना खिला दिया जायेगा।
इधर प्रशिक्षण देने वाली एजेंसी रमसा के अधिकारी ठेकेदार की बात को नकारते हुए कहा कि उन्होंने सुबह से ही ठेकेदार को पूरी संख्या बता दी थी। उसने कम खाना क्यों बनाया इसकी जाँच कर उसके खिलाफ कार्यवाही करेंगे।
बता दे कि पूर्व में भी इस ठेकेदार पर ख़राब खाना खिलाने के आरोप लगे थे बावजूद इसके इसी को ठेका दे दिया गया।