खंडवा: कहते हैं की आदमी को जीते जी सुकून नहीं मिलता लेकिन मरने के बाद सुकून की आस एवं जन्नत में जाने की ख्वाहिश हर मुस्लिम की रहती है लेकिन एक खंडवा जिले का ऐसा भी ग्राम है जो सिरपुर के नाम से जाना जाता है यहां के मुस्लिम समाज वर्षों से अपने रहने खाने से लेकर कई परिस्थितियों से अपना जैसा तैसा गुजारा कर रहे हैं ग्राम सिरपुर तहसील जिला खंडवा के निवासियों के यहां अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो इन्हें उस व्यक्ति को दफन करने तक की जगह नहीं है।
मंसूरी समाज के जिला उपाध्यक्ष मुकीम मंसूरी, ने बताया कि वर्षों से चली आ रही परंपरा अनुसार ग्राम सिरपुर में किसी भी मुस्लिम समाज के यहां इंतकाल होता है तो हमें उस व्यक्ति को दफनाने के लिए बोरगांव खुर्द लेकर जाना पड़ता है जो शिरपुर से तकरीबन 5 किलोमीटर की दूरी पर है।
अब स्थिति इस प्रकार हो गई है की ग्राम बोरगांव खुर्द के मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा शिरपुर मैं अगर कोई इंतकाल होता है तो अब उन्हें बोरगांव खुर्द के मुस्लिमों द्वारा कब्रिस्तान में दफनाने से इंकार तक कर दिया गया है एवं विवाद जैसी स्थिति बन जाती है।
समाजानो ने प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट से मिलकर आग्रह किया है कि ग्राम सिरपुर वासियों को कब्रिस्तान के लिए जगह मुहैया कराई जाए जिससे जीते जी ना सही लेकिन मरने के बाद दो गज जगह तो नसीब हो सके।
कब्रिस्तान की जगह मुहैया कराने के लिए आवेदन पर प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द कब्रिस्तान की जगह के लिए व्यवस्था की जाएगी।
प्रतिनिधि मंडल में मुस्लिम मंसूरी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष शाकिर मंसूरी, जिला उपाध्यक्ष मुकीम मंसूरी, कब्रिस्तान कमेटी अध्यक्ष इकबाल मंसूरी ,उप अध्यक्ष असलम मंसूरी आदि शामिल थे।