खंडवा : जम्मू कश्मीर में पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते खराब हुए तो भारत से वह तमाम चीजें पाकिस्तान जाने से रोक दी गई जो कि देश के कई हिस्सों से निर्यात की जाती थी।
ऐसे समय में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में उत्पादन होने वाली लाखों टन अरबी सड़ने की संभावना हो गई थी लेकिन यहां के किसानों और व्यापारियों की सूझबूझ से देश के कई हिस्सों में अरबी की फसल को खपाया गया। इसमें थोड़ा मुनाफा व्यापारियों ने तो थोड़ा मुनाफा किसानों ने कमाया लेकिन राष्ट्रभक्ति में एक अलग मिसाल भी कायम की। देखें खंडवा से यह खास खबर।
खंडवा जिले के पंधाना विकासखंड में इस वर्ष हजारों टन अरबी की फसल का उत्पादन हुआ है। विभिन्न प्रकार के लजीज व्यंजनों में इस्तेमाल की जाने वाली अरबी की फसल पाकिस्तान की जुबां पर चढ़ चुकी है।
यही वजह है कि पिछले 10 साल से खंडवा जिले से अरबी की फसल पाकिस्तान भेजी जाए करती थी। पिछले वर्ष भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते खराब होने के बाद यहां पर उत्पादन होने वाली अरबी की फसल अटक गई। इस बार किसानों ने बड़ी संख्या में अरबी की फसल का उत्पादन किया था ।
अब समस्या यह थी कि प्रतिदिन 15 से 20 ट्रक अरबी कहां भेजी जाए। देशभर से आए व्यापारियों ने किसानों के साथ बैठक की और कुछ घाटा तुम उठाओ कुछ घटा हम की तर्ज पर इन्होंने फसल को खपाना शुरू किया किसानों और व्यापारियों की आपसी सूझबूझ से खंडवा की अरबी उत्तर प्रदेश पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में भेजी जाने लगी। किसानों ने अरबी में घाटा भी नहीं उठाया तथा पाकिस्तान को अपनी औकात दिखा दी।
झांसी के व्यापारी सुनील राय ने बताया की यहां पर अरबी का उत्पादन 2 से 3 महीने तक काफी मात्रा में होता है पाकिस्तान में निर्यात बंद होने के बाद हमने किसानों के साथ देश के कई हिस्सों में अरबी को भेजा और अच्छा मुनाफा कमाया
2 किसानों ने यहां पर 6 एकड़ में 3 महीने के अंदर 9 से 10 लाख रुपए की अरबी बेचकर लाखों रुपए का मुनाफा कमाया है। किसान कहते हैं कि हमने समझौता भी किया और मुनाफा भी कमाया तथा हमारे देश की खातिर पाकिस्तान को उसकी औकात दिखा दी।
किसान शंकर कहते है की पाकिस्तान से रिश्ते खराब हुए लेकिन हमको अच्छा भाव मिला है व्यापारियों ने सहयोग किया और हमने पाकिस्तान को औकात दिखा दी।
इसी तरह किसान बंशीलाल ने कहा किसानों ने यहां पर बड़ी संख्या में अरबी का उत्पादन किया है मैंने भी 6 एकड़ में 9 लाख की फसल का उत्पादन किया
देशभर में किसान खेती को घाटे का धंधा बता कर आत्महत्या जैसे कदम उठाते रहे हैं, लेकिन अरबी की फसल उत्पादन के बाद देश और दुनिया को ताकत दिखाने वाले खंडवा के यह किसान उन किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है जो थोड़े से घाटे को लेकर आत्मघाती कदम उठाए करते हैं।