खंडवा : जिले के पंचायत सचिवों और सरपंचों ने ग्राम उदय से भारत उदय अभियान का बहिष्कार करने की घोषणा की है। सरपंच अपने वित्तीय पॉवर पर प्रतिबंध लगाने से नाराज है तो पंचायत सचिव अपनी लंबित मांगों को सरकार से मनवाने के लिए दबाव बना रहे है। पंचायत सचिवों ने छठे वेतनमान सहित अन्य पांच मांगों के लिए आज से काम बंद हड़ताल करने की घोषणा की है। वही उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतवानी देते हुए कहा कि मांगे नहीं मानी गई तो आगामी चुनावों में इसका परिणाम भुगतना पडे़गा।
म प्र में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान 45 दिन तक चलेगा
ग्रामीण विकास अमले की सबसे छोटी इकाई ग्राम पंचायत सचिव होता है। यह पंचायत सचिव पिछले लंबे समय से सरकार से छठे वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति,और नौकरी में प्रमोशन की मांग कर रहा है। पंचायत सचिवों का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने दो बार घोषणा और आस्वाशन दिए है लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक कदम नही उठाये। सचिवों ने कहा कि वह सरकार की ग्रामीण विकास की योजनाओं को लागू करवाने में दिन रात काम करते है लेकिन बदले में सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार करती है। उन्होंने पिछले अनुभव को देखते हुए ग्राम उदय से भारत उदय अभियान को ग्रामीण जनता के साथ धोखा बताया और उसका बहिष्कार करने की घोषणा की।
दूसरी तरफ ग्राम पंचायत के सरपंचों ने भी सचिवों के सुर में सुर मिलते हुए इस अभियान का विरोध करने की बात कही। सरपंचों ने ग्रामीण विकास परिषद के आयुक्त राधेश्याम जुलानिया पर ग्राम स्वराज की कल्पना को खत्म करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आयुक्त अपने निर्णय ग्राम पंचायतों पर थोप रहे है और सरपंचों के वित्तीय अधिकारों पर प्रतिबंध लगा रहे है।
सरपंचों ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र और अपात्र हितग्राहियों के चयन में स्पष्ट निर्देश नही देने की वजह से कई लोगो के मकान टूट गए और अब उन्हें अपात्र घोषित करने के लिए ग्राम पंचायतों पर वसूली का दबाव बनाया जा रहा है जो सतसर गलत है। पंचायत सचिव संगठन अध्यक्ष राजेश पटेल ने बताया कि पिछले दो वर्षों से सीएम झूठा दिलासा देकर वादा खिलाफी कर रहे है। लेकिन अब हम बहकावे नहीं आने वाले है।
यदि इसके बाद हमारी मांगे नहीं मानी गई तो सरकार को परिणाम भुगतना पडे़गा। वही जिला पंचायत सीईओ को ज्ञापन देते हुए पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री जी हमारे सारे काम जुलवानिया से काम करा ले।
उलकेखनिय है कि प्रधान मंत्री आवास योजना में पात्र हित ग्राही के चयन में सरकार की और से स्पष्ट निर्देश नही मिलने के कारण खंडवा सहित कई जिलों में पहली सूची में जिन्हें पात्र मानकर 40 हजार रु की पहली किस्त जारी कर दी गई थी बाद में उनमे से कइयों को अपात्र घोषित कर दिया गया। अब इनसे 40 हजार रु की वसूली की जा रही है। अधिकांश लोगों ने अपने रहवास तोड़कर काम भी शुरू कर दिया था। रिपोर्ट @ शुभम जायसवाल