खंडवा : शहर के तीन धार्मिक स्थलों से त्रेता युग की मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। रामेश्वर पर श्रीराम के बाण से जलधारा निकलने, भवानी माता में दर्शन व आरती और जूना राम मंदिर स्थल पर उनके ठहरने की कथा है। यहां रामनवमी पर श्रद्धालुओं की आस्था उमड़ती है।
रामबाण कुआं-रामेश्वर कुंड के पास स्थित रामबाण कुएं को लेकर मान्यता है कि त्रेतायुग में वनवास के दौरान श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता यहां से गुजरे थे। माता सीता को प्यास लगने पर उन्होंने यहां बाण चलाया था। यह बाण पाताल में चला गया और जलधारा निकली। सीताजी ने जहां पानी पिया वहां सीता बावड़ी बनी हुई है, वहीं रामबाण कुएं का पानी कभी नहीं सूखता।
कुटिया में बना है प्राचीन राम मंदिर
रामेश्वर कुंड के पास कुटिया में राम मंदिर बना हुआ है। यह राम मंदिर जीर्ण-शीर्ण हो रहा है। मंदिर में एक प्राचीन मूर्ति स्थापित है, इस एक ही मूर्ति में श्रीराम व सीता दोनों की आकृतियां हैं।
जूना राम मंदिर में प्राचीन मूर्ति
जूना राम मंदिर स्थल से भी त्रेता युग की एक मान्यता जुड़ी है। इस स्थल पर त्रेता युग में श्रीराम ने विश्राम किया था। जूूना राममंदिर के कारण ही क्षेत्र का नाम रामगंज है। मंदिर में काले पत्थर की लक्ष्मीनारायण की स्वयंभू मूर्ति है। यहां प्राचीन भवानी माता मंदिर, पंचमुखी शिव मंदिर और पश्चिम मुखी हनुमान मंदिर भी है।