खंडवा : देश भर में गर्मी और जल संकट को लेकर लोग बेहद परेशान हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश का खंडवा भी अछूता नहीं हैं। खंडवा में अंग्रेजों के ज़माने में बानी हुई जेल में जल संकट इतना गहरा गया हैं की क्या संतरी क्या कैदी सभी इससे झूंझते नजर आ रहे हैं। यहाँ जल संकट का बड़ा कारण कैदियों का क्षमता से अधिक होना भी हैं। ऐसे में कुछ कैदियों को उल्टी दस्त की शिकायत भी हो गई हैं।
खंडवा में अंग्रेजों के ज़माने यानि की 1873 में बना ये जेल अक्सर सुर्खियों में रहा हैं। स्वतंत्रा अनोलन में यहाँ कई स्वंत्रता सेनानियों को बंदी बना कर रखा गया उन्हीं में से एक आजादी के लड़ाई में अंग्रजों के होश उड़ने वाले सेनानी टंटीया भील के नाम पर इस जेल का नाम भी टंटीया कारगर रखा गया हैं। ये जेल उस समय भी सुखियों में रहा जब 2013 में सिमी बंदी यहाँ से फरार हुए।
अब यही जेल एकबार भी जल संकट होने से चर्चा का विषय बना हुआ हैं। वैसे तो जेल के हर बेरिक में पानी की टंकियां है इतना ही नहीं यहाँ ऑवर हेड टेंक भी हैं लेकिन इनसब के होते हुई भी जेल के अंदर पानी नहीं मिलपा रहा। शुक्र है नगरनिगम इतनी भीषण गर्मी में इन कैदियों के लिए मसीहा बना और जेलर साहब की मांग पर पानी के टैंकर से यहाँ पानी पहुंचाया गया।
जेल के अंदर खाने से कैदियों के बीमार होने की खबर भी जल संकट गहराने से बहार आगई। हालांकि जेल प्रशासन के मुताबिक दो ही कैदियों को उल्टी दस्त की शिकायत थी जिनका इलाज करा दिया गया हैं।
पर सवाल उठता हैं ये समस्या बानी ही क्यों ? तो आये आप के बता दें की ये समस्या बानी इसलिए क्यों की ये जेल अंग्रेजों के ज़माने की हैं यहाँ कुल 168 कैदियों को रखा जा सकता हैं लेकिन यहाँ मौजूदा समय में 582 कैदी बंद हैं।
यानि क्षमता से अधिक लोग होने से यहाँ जल संकट खड़ा हो गया। जब पानी की समस्या सामने आई तो कैदियों को फरमान सुना दिया गया की वे पानी का इस्तेमाल जरुरत के हिसाब से करें।
हालांकि जेल प्रशासन ने किसी भी समस्या से निपटने के लिए पुरे इंतेज़ाम कर लिए हैं लेकिन जब तक यहाँ नई जेल या मौजूदा जेल का विस्तार नहीं होता ये समस्या यूँ ही बानी रहेगी। क्योकि 2016 में भी इसी तरह की समस्या से यहाँ परेशानियां बढ़ गई थी।