डिंडौरी : डिंडौरी की सिटी कोतवाली पुलिस ने दोपहर को एक लाज में छापा मारते हुए एक कंपनी के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। जिनमे 4 यूवक सहित 1 यूवती शामिल है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनीता रावत ने मीडिया को बताया की मुखबिर की सूचना पर एक होटल के अन्दर कुछ लोग रुके हुए थे जो आदिवासी अनपढ और स्नातक तक पढ़े हुए स्कूल और कालेज के बच्चो को ट्रेनिंग के बाद 25 साल तक नौकरी दिलाने के नाम पर क्रिएटिव आर्ट्स अकेडमी नामक फर्जी कम्पनी रजिस्ट्रेशन का पैसा ले रहे थे। कंपनी के मुख्य सरगना समर चंदेल जो खुद को पहले खंडवा जिले का बता रहे थे पकडे गए पूछताछ अभी चल रही है बड़े गिरोह होने कि सम्भावना भी जताई गई है। बहरहाल पुलिस उक्त 5 आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
आदिवासी जिला डिंडौरी में नोकरी के नाम पर बेरोजगारों को लूटने और फरार होने के ऐसे कई मामले सामने आये है /इसी कड़ी में कल डिंडौरी पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए 5 ठगों के एक होटल से गिरफ्तार करते हुए उनके पास से कई फर्जी दस्तावेज जब्त किये है /सूत्रों की माने तो अब तक 100 से ज्यादा आदिवासी यूवक और युवतियों से नोकरी दिलवाने के नाम पर पहले क्रिएटिव आर्ट्स नामक फर्जी कंपनी ने रजिस्टेशन शुल्क 500 -500 रु वसूला और सेलेक्ट होने के बाद 2000 रु ड्रेस का वसूल रहे थे। ये सब 3 दिनों से एक होटल के अन्दर चल रहा था। वही मुखबिर की सूचना पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनीता रावत ने कोतवाली पुलिस को कार्यवाही के निर्देश दिए जहा कार्यवाही करते हुए पुलिस ने एक यूवती सहित 4 यूवको को होटल के अन्दर से पकड़ा है जहा इंटरव्यू चल रहा था।
वही सिधौली गाव के निवासी शिवकुमार ने बताया की पम्पलेट देखकर हम होटल आएथे क्राफ्ट टीचर के लिए फार्म भरे थे। कंपनी फार्म के लिए500 रु ली थी उसके बाद 3000 रु ड्रेस के लिए देना था। ऐसे सैकड़ो लोगो से कम्पनी ने पैसा लिया है। कंपनी नोकरी देने का लोगो को लालच देती थी की 20 से 24 हजार रु मिलेंगे।
फर्जी कम्पनी क्रिएटिव आर्ट अकेडमी के संचालक समर चंदेल ने होटल में एक बड़ा पोस्टर लगाया था जिसमे कंपनी का हेड ऑफिस मुंबई बताया गया था ,वही इसकी ब्रांच कई राज्यों में खुली होना बताया था जो पुलिस की पूछताछ में फर्जी निकली। वही सभी पकडे गए आरोपी मंडला जिले के बताये जा रहे है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनीता रावत ने मीडिया को बताया की मुखबिर की सूचना पर एक होटल के अन्दर कुछ लोग रुके हुए थे। जो आदिवासी अनपढ और स्नातक तक पढ़े हुए स्कूल और कालेज के बच्चो को ट्रेनिंग के बाद २५ साल तक नोकरी दिलवाने के नाम पर क्रिएटिव आर्ट्स अकेडमी नामक फर्जी कम्पनी रजिस्ट्रेशन का पैसा ले रहे थे। पूछताछ अभी चल रही है बड़े गिरोह होने कि सम्भावना भी जताई गई है।
रिपोर्ट @दीपक नामदेव