मुंबई- वर्ष 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में प्रमुख गवाह इंदौर के दिलीप पाटीदार के परिवार ने आतंकवाद विरोधी दस्ते के अधिकारियों के अभियोजन के लिए अनुमति देने का मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अनुरोध किया है। महाराष्ट्र एटीएस द्वारा पूछताछ के बाद दिलीप लापता हो गए थे।
दिलीप के परिवार ने गुरुवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उनके लापता होने के मामले की एनआईए से जांच कराने की मांग की। दिलीप की पत्नी पद्मा ने उन्हें एक आवेदन सौंपा और उन आरोपी एटीएस अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन के लिए मंजूरी देने का अनुरोध किया जो उनके पति के अपहरण, प्रताड़ना और हत्या के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने मामले में एनआईए से जांच का भी अनुरोध किया।
पद्मा ने शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 10 नवंबर 2008 को रात में करीब साढ़े 10 बजे कुछ लोग उनके पति को घर से ले गए। उस समय उनका पुत्र छह महीने का था। उन्होंने कहा कि उन लोगों ने सिर्फ इतना बताया कि दिलीप को कुछ पूछताछ के लिए खजराना थाने ले जाया जा रहा है। लेकिन जब वह वहां गईं तो दिलीप वहां नहीं मिले। अगले दिन दिलीप का एक फोन आया कि एटीएस उन्हें मुंबई ले जा रहा है। दिलीप के भाई राम स्वरूप ने आरोप लगाया कि एटीएस ने या तो उनकी हत्या कर दी या यातना के कारण उनकी मौत हो गई।
Kin of missing Malegaon blast case witness meet Fadnavis