नई दिल्ली- अपने प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेंद्र कुमार के दफ्तर पर मंगलवार को पड़े सीबीआई छापे के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली पर निशाना साधा था।
अब बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि डीडीसीए मामले में केजरीवाल के जेटली पर लगाए आरोप सही हो सकते हैं। बता दें कि डीडीसीए (दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन) में घोटाले को सबसे पहले सामने लाने वाले भी आजाद ही थे। वे पूर्व टेस्ट क्रिकेटर हैं और बिहार के दरभंगा से तीन बार बीजेपी के टिकट पर सांसद चुने गए हैं।
क्या कहा था केजरीवाल ने?
सीबीआई राजेंद्र कुमार के ऑफिस में डीडीसीए घोटाले की फाइल तलाशने आई थी। इस घोटाले में जेटली फंस रहे हैं।
डीडीसीए घोटाला और आजाद के आरोप
DDCA में पिछले 10 साल के दौरान 400 करोड़ रुपए से ज्यादा की हेराफेरी हुई।
रीजनल डायरेक्टर ए.के. चतुर्वेदी और दिल्ली के कंपनी रजिस्ट्रार डी. बंद्योपाध्याय ने इसकी जांच के नाम पर सिर्फ लीपापोती की।
बंद्योपाध्याय कोलकाता में 9 साल तक कंपनी रजिस्ट्रार रहे। उन्हीं के समय में वहां सारदा घोटाला हुआ।
चिट्ठियां लिखीं पर जेटली ने नहीं दिया जवाब
आजाद के मुताबिक, उन्होंने जेटली को डीडीसीए अफसरों के करप्शन पर 200 से ज्यादा चिट्ठियां लिखीं, लेकिन जेटली ने उनका कोई जवाब नहीं दिया। आरोप है कि स्टेडियम कंस्ट्रक्शन में 24 करोड़ रुपए खर्च होने थे, लेकिन 130 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी काम पूरा नहीं हो सका।
अक्टूबर 2012 में कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी डीडीसीए में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। बिशन सिंह बेदी, मनिंदर सिंह, सुरिंदर खन्ना, गुरशरण सिंह जैसे पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद के आरोपों के समर्थन में धरने पर भी बैठ चुके हैं।
ललित मोदी भी लगा चुके हैं जेटली पर आरोप
आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी ने भी जेटली पर आरोप लगाया था कि आईपीएल में जो भी गड़बड़ी हुई है, उसके लिए एन. श्रीनिवासन और अरुण जेटली जिम्मेदार हैं।
केजरीवाल ने बैठाई जांच समिति
केजरीवाल ने पिछले दिनों डीडीसीए घोटाले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई थी।
इस कमेटी में अर्बन डेवलपमेंट और स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी शामिल थे।
यह कमेटी दिल्ली सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है।
कमेटी की सिफारिशों में खास क्या?
डीडीसीए यूनिट को सस्पेंड कर दिया जाना चाहिए।
डीडीसीए का जिम्मा पूर्व क्रिकेटरों को दिया जाना चाहिए।
डीडीसीए को आरटीआई के दायरे में लाया जाए।