खंडवा : मैं खुशनसीब हूं कि मुझे किशोर दा की जन्मभूमि पर किशोर सम्मान समारोह में गाने का मौका प्राप्त हुआ है। किशोर दा मेरे गुरू रहे हैं और लगभग 300 से भी ज्यादा स्टेज शो मैं उनके साथ कर चुकी हूं और उनके साथ गीतों को भी मैंने गाया है। किशोर दा गायक ही नहीं हरफन में माहिर थे इसलिए उन्हें हरफनमौला भी कहा जाता है। ऐसी शख्सियत को भारत रत्न से नवाजा जाना चाहिए। यह बात खंडवा पहुंची देश की प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल ने किशोरदा की समाधि पर पुष्प अर्पित करते हुए पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही।
श्रीमती पौडवाल ने कहा कि किशोरदा बचपन से ही मेरे पसंददीदा रहे हैं, उनके जन्म स्थली पर मुझे गाने का सौभाग्य मिले और मैं कैसे ना कर दूं? मैंने यह प्रस्ताव मिलते ही हां कर दिया। किशोरदा के साथ करीब ढाई सौ से तीन सौ स्टेज शो किए हैं। उनके गाए गीत फर्राटेदार तरीके से गाती हूं। आज मैं अपनी खुद की फिल्मों के अलावा उनके भी गीत गाऊंगी।
दर्जनों देशों में भी सात समंदर पार किशोर दा का जलवा मैंने खुद देखा है। मैं छोटी-सी थी तब से स्टेज शो करने जाती रही हूं। वे मेरे पिता तुल्य आदर्श भी रहें हैं। अनुराधा पौडवाल ने कहा कि खंडवा की धरती पर जिन लोगों ने जन्म लिया वे भी किशोरदा की तरह मेरे लिए महान हैं। गीत सुनाकर खुद को भाग्शाली समझती हूं।
अनुराधा पौडवाल ने खंडवा को गांव की संज्ञा दी। तब उनसे कहा गया कि यह शहर है और यहां की आबादी चार लाख के करीब है। आज के गीतों पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि संगीत भटक नहीं रहा है बल्कि उसे भटकाने की पुरजोर कोशिशें जारी हैं। लेकिन अच्छा सुनने वालों की संख्या 90 प्रतिशत से ज्यादा है इसलिए भारतीय संगीत की परंपरा अमर है और अमर रहेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि खंडवा में संगीत के सुधी लोग उनकी आवाज का तवज्जों देंगे। इस अवसर पर अनुराधा पौडवाल के साथ प्रवक्ता सुनील जैन व रणवीर चावला भी उपस्थित थे।
रिपोर्ट @ जावेद खान