खंडवा – आज से दस दिन के लिए खंडवा शहर भी अयोध्या बन जाएगा। सब जगह भगवान राम व उनके जीवन चरित्र की चर्चाएं ही रहेंगी। माँ कनकेश्वरी देवी गुजरात से खंडवा आ चुकी हैं। सच्चे संत भगवान राम की कथा सुनाते हैं, तो भगवान भी अपनी ही कथा सुनने खिंचे चले आते हैं। आज कलशयात्रा के पदचाप से रामकथा नार्मल स्कूल मैदान में शुरू हो रही है।
28 नवंबर से शुरू होने वाली भक्ति की रसगंगा 6 दिसंबर तक बहेगी। माँ कनकेश्वरी की आवाज में संगीत मिलकर शहर के माहौल को ही बदल देगा। रोजाना दोपहर 1 से 5 बजे तक पड़ावा स्थित चित्रकूट धाम नार्मल स्कूल मैदान पर कथा सुनने के लिए लोगों को आमंत्रित किया गया है। कथा सुनने वाले भक्तों के लिए हर तरह के जरूरी इंतजाम किए गए हैं। कनकेश्वरी देवी के निवास स्थल को दीपों से दुल्हन की तरह सजाया गया है। यहाँ उनका जोरदार स्वागत किया गया।
कनकेश्वरी देवी शाम को खंडवा पहुंची। रामकथा के प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि इंदौर एयरपोर्ट से साध्वी मां कनकेश्वरी देवी खंडवा कार द्वारा पहुंची। रामकृष्णगंज स्थिति ओम निवास अनाज मंडी के पास बंसल परिवार ने उनका जोरदार आत्मीय स्वागत किया। उनके ठहरने के स्थल पर विशेष इंतजाम किए गए हैं। पूरे भवन को दीवाली की तरह सजाया गया है। खंडवा पहुंचने पर श्रीराम कथा के मुख्य यजमान सरोजदेवी कैलाशचंद बंसल, यजमान संध्या नगीनचंद्र बंसल, निहारिका राजेन्द्र बंसल, सविता राकेश बंसल, पिंकी अनुराग बंसल ने साध्वी माँ कनकेश्वरी देवी का परंपरागत स्वागत कर पुष्पवर्षा करते हुए आरती उतारी। इस अवसर पर रामकथा के संयोजक राकेश बंसल, आशीष चटकेले, सुनील जैन, महेन्द्र शुक्ला, भूपेन्द्रसिंह चौहान, ओम मित्तल ने भी साध्वी का स्वागत किया।
खंडवा आगमन पर मां कनकेश्वरी देवी ने कहा कि दादाजी की इस धरा पर कथा करने का सौभाग्य मुझे मिला है। खंडवा नगरी गुरू परंपरा का धाम है। भगवान राम के जीवन-चरित्र का हर क्षण आत्मसात करने योग्य है।
उनके आदर्शों का कुछ हिस्सा भी हमारी जीवनशैली में अपना लिया जाए, तो इस युग को हम भी तरीके से जी सकते हैं। यह कथा केवल सुनने के लिए नहीं, बल्कि यह जानने के लिए भी है कि हम कैसे अपने जीवन चरित्र व जीवनशैली में सुधार लाएं। आज जिस तनाव व आपाधापी में हम जी रहे हैं। बीमारियों का घर शरीर को खानपान व शैली से बना रहे हैं। तनाव को दूर करने के लिए भी भगवान राम की कथा सुनकर उसे आत्मसात करने की जरूरत है।
सुनील जैन ने बताया कि कथा शुरू होने के एक दिन पहले ही पंडाल रोशनी से नहा रहा था। चित्रकूट धाम पर 100&350 का जर्मन हेंगर एलुमिनिय का वाटरप्रुफ तैयार है जहां बैठकर भक्तगण रामकथा का आनंद लेंगे। नगर में पहली बार थ्रीडी सिस्टम के अनुसार 30&80 का भव्य स्टेज बनाया गया है जिसमें साध्वी मां विराजमान होकर रामकथा का वाचन करेंगी। मुख्य मंच पर राम दरबार के साथ दादाजी दरबार और मां नर्मदा के चित्र के साथ ओंकारेश्वर का विहंगम दृश्य को दर्शाया गया है। सारे इंतजाम चाकचौबंद किए गए हैं।
कथा के पूर्व शनिवार को भव्य मंगल कलश यात्रा अग्रवाल धर्मशाला से घंटाघर का चक्कर लगाते हुए नगर निगम चौराहा, शेरमूर्ति चौराहा, अस्पताल, पड़ावा होते हुए हनुमान मंदिर पड़ावा से कथा स्थल चित्रकूट धाम नार्मल स्कूल मैदान पर पहुंचेगी। अग्रवाल धर्मशाला में सारी तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं। यहाँ महिलाएं केसरिया, पीले वस्त्र में एवं पुरूष सफेद कु र्ते पजामे में कतारबद्ध दिखेंगे। महिलाओं को सुंदर स्टील का कलश व श्रीफल समिति द्वारा भेंट किया जाएगा। रामकथा के संयोजक विधायक देवेन्द्र वर्मा, राकेश बंसल और आशीष चटकेले ने दादाजी की नगरी एवं जिले के भक्तगणों से अनुरोध किया है कि कलश यात्रा एवं रामकथा में उपस्थित होकर पुण्य लाभ प्राप्त करें।