संयुक्त राष्ट्र के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप के विवाद के बावजूद एक घोटाले ने अमेरिकी सरकार को अस्थिर कर दिया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी में दिख रख रहे हैं। वह बिना कोई विराम के रूस की विशाल सेना के निर्माण में काम कर रहे हैं।
पुतिन ने आदेश दिए हैं कि एक लाख 42 हजार युवाओं को रूसी सेना में शामिल किया जाए। इसके अलावा वर्ष के अंत से पहले पहले हर चार में से तीन परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल प्रणाली रूसी मिसाइल शस्त्रागार में शामिल की जाए। यह जानकारी रूसी सरकार की समाचार एजेंसी तास (TASS) ने गुरुवार को दी।
पुतिन ने मार्च के अंत में नए ड्राफ्ट की घोषणा की थी। इससे पहले अक्टूबर से दिसंबर तक की अवधि के दौरान एक लाख 52 हजार लोगों को पुतिन के आदेश पर रूसी सेना में शामिल किया गया था। TASS के मुताबिक, पुतिन ने 2015 के आखिरी महीनों में एक लाख 47 हजार 100 लोगों को सेना में शामिल करने के बाद देश के सशस्त्र बलों में 18 से 27 साल की उम्र के करीब एक लाख 55 हजार रूसी पुरुषों को सेना में भर्ती किया गया।
रूसी सेना का निर्माण चेतावनी देने वाला है और इसके कारण रूस के आस-पास के यूरोपीय देशों और नाटो के सदस्यों की चिंता बढ़ गई है। आलम यह है कि स्वीडन ने भी इस वर्ष की घोषणा की थी कि वह 2010 के बाद पहली बार 4,000 पुरुषों और महिलाओं को अगले साल जनवरी में सेना में शामिल करेगा।
स्वीडन एक तटस्थ देश है और यह उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) का हिस्सा नहीं है, लेकिन सुरक्षा के मुद्दों पर पर यह नाटो के साथ मिलकर काम करता है। रूसी सेना की बढ़ती शक्ति के बाद में यह पिछले एक साल में यह संबंध और भी मजबूत हुआ है।
मगर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र के नाटो सहयोगियों को एक स्पष्ट चेतावनी जारी कर दी। उन्होंने कहा कि जब तक ऐतिहासिक 68-वर्षीय गठबंधन में शामिल अन्य देश मौद्रिक भुगतान नहीं कर देते हैं, अमेरिका नाटो से बाहर निकल जाएगा। यह जानकारी फ्रेंच समाचार नेटवर्क फ्रांस 24 की एक रिपोर्ट में दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक वरिष्ठ व्हाइट हाउस के अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर यह बात बताई है। अधिकारी ने कहा कि हम या तो नाटो के प्रति असली बदलाव को देखेंगे या हम चीजों को करने का एक अलग तरीका बनाने की कोशिश करेंगे। हम सभी के बचाव के लिए भुगतान नहीं करना चाहते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि नाटो से अमेरिका के निकल जाने से यह संगठन कमजोर पड़ जाएगा और पुतिन की अक्रामक नीतियों के कारण पूर्वी यूरोप युद्ध के मुहाने पर खड़ा हो जाएगा। इस साल की शुरूआत में मिलिट्री अफेयर्स की साइट फॉक्सट्रॉट अल्फा पर रशियन एक्सपर्ट टेरेल स्टार ने लिखा कि बाल्टिक्स पर पुतिन के हमला करने की संभावना वास्तविक है। कई पारंपरिक विदेश नीति पर्यवेक्षकों का मानना था कि पुतिन साल 2008 में जॉर्जिया पर हमला नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने हमला किया।
उन्होंने लिखा कि यह माना जाता है कि पुतिन सैन्य गठबंधन की वजह से नाटो देश पर हमला नहीं करेंगे। मगर, नाटो की तरफ ट्रंप का रवैया ढुलमुल है, जो कहते हैं कि पुतिन ऐसा नहीं करेंगे, जबकि अतीत में किए गए उनके कार्य कुछ और ही बात साबित करते हैं।
@एजेंसी