नई दिल्ली : मेंटल हेल्थकेयर बिल 2016 संसद से पास हो चुका है। इसके साथ ही अब मानसिक तौर पर बीमार लोगों के इलाज और उनके लिए सेवाओं का प्रावधान किया गया है, साथ ही आत्महत्या को अपराध की श्रेणी से भी बाहर कर दिया गया है। बीते साल अगस्त में राज्यसभा से पास हुआ यह बिल सोमवार को लोकसभा से भी पास हो गया।
पढ़िए, इस बिल की 10 खास बातें-
1. मेंटल हेल्थकेयर बिल सभी सरकारी अस्पतालों में मानसिक तौर से बीमार लोगों को इलाज का अधिकार देता है। बिल में ऐसे मरीजों मुफ्त इलाज देने की बात कही गई है अगर वो बेघर या गरीब हैं। गरीबी से ऊपर होने पर भी उन्हें यह अधिकार मिलेगा।
2. स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, ‘इस बिल में मेंटल हेल्थ प्रोग्राम चलाने की बात है ताकि हर व्यक्ति जागरूक हो सके।’
3. बिल में मानसिक तौर पर बीमार शख्स को यह अधिकार दिया गया है कि वह लिखित देकर यह बता सकता है कि उसकी देखभाल और इलाज किस तरह किया जाना चाहिए।
4. मेंटल हेल्थकेयर बिल में मानसिक तौर पर बीमार व्यक्ति की केयर करने वाले के प्रतिनिधि की नियुक्ति भी की जाएगी। ये केंद्रीय मेंटल हेल्थ अथॉरिटी और स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी या मेंटल हेल्थ रिव्यू बोर्ड के सदस्यों के प्रतिनिधि हो सकते हैं।
5. आत्महत्या का प्रयास करने के मामले को अपराध की श्रेणी से अलग किए जाने को लेकर कहा गया कि ऐसा माना जाता है कि ये कदम उठाने वाला व्यक्ति गहरे अवसाद में होता है और उसे सजा नहीं दी जा सकती। बिल में आत्महत्या को एक मानसिक बीमारी बताया गया है।
6. गहरे अवसाद, परेशानियों की वजह से आत्महत्या का प्रयास करने वाले शख्स को सजा नहीं दी जाएगी। इसके लिए आईपीसी की धारा 309 की बातों को दरकिनार किया गया है।
7. मानसिक तौर पर बीमार शख्स को यह बिल ये अधिकार भी देता है कि उसकी मर्जी के बिना उसकी कोई भी तस्वीर या जानकारी मीडिया को नहीं दी जाएगी।
8. सरकार राष्ट्रीय स्तर पर मेंटल हेल्थ अथॉरिटी और प्रदेशों में स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी बनाएगी। सभी मेंटल हेल्थ इंस्टीट्यूट और मेंटल हेल्थ की प्रैक्टिस करने वालों को अथॉरिटी में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा।
9. मेंटल हेल्थ रिव्यू बोर्ड की स्थापना भी की जाएगी जिससे मानसिक तौर पर बीमार व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा की जा सके और समय रहते उचित निर्देश दिए जा सकें।
10. मेंटल हेल्थकेयर बिल के तहत किसी भी तरह के नियम तोड़ने पर छह महीने जेल या 10000 रुपये जुर्माना या दोनों हो सकता है। अपराध दोहराने पर दो साल जेल और 50000 रुपये से 5 लाख रुपये तक जुर्माना या दोनों हो सकता है।