नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट के एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार द्वारा वर्षों पुराने विवाद कि कोहिनूर हीरा चोरी हुआ या अंग्रेज ले गए को लेकर जवाब दिया कि कोहिनूर हीरा चोरी नहीं हुआ था, बल्कि अंग्रेजों को तोहफे में दिया गया था ! कोर्ट ने केंद्र सरकार से 6 हफ्ते में डिटेल रिपोर्ट मांगी है ! वहीं केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा है भारत कोहिनूर पर दावा नहीं कर सकता क्योंकि यह न चोरी हुआ और न जबरदस्ती ले जाया गया ! सुप्रीम कोर्ट कोहिनूर हीरा देश में वापस लाए जाने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था !
जीहां प्राप्त खबर अनुसार केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामें में कहा है कि कोहिनूर हीरा चोरी नहीं हुआ था, बल्कि पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने अंग्रेजों को तोहफे में दिया था। केंद्र ने ये जवाब सुप्रीम कोर्ट के उस सवाल के जवाब में दिया है, जिसमें उसने कोहिनूर के मसले पर सरकार की राय मांगी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा कि इस याचिका को लंबित रखा जाएगा क्योंकि अगर यह खारिज होती है तो केस कमजोर हो जाएगा ! और कहा जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट ने केस खारिज कर दिया है !
कोर्ट ने कहा कि जैसे टीपू सुल्तान की तलवार वापस आई, हो सकता है आगे भी ऐसा ही हो ! सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में अदालत से ब्रिटेन के उच्चायुक्त को हीरा लौटाने का निर्देश देने को कहा गया है ! इसके अलावा कुछ और अनमोल वस्तुएं भी मांगी गई
माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में दिया गया मोदी सरकार हलफनामा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राय के विपरीत है। सर्वोच्च अदालत में कोहिनूर को भारत लाने के संबंध में पीआईएल दाखिल की गई है। ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स एंड सोशल जस्टिस फ्रंट की ओर से दायर याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट यूनाइटेक किंगडम के उच्चायुक्त को ये आदेश दे को वो तमाम अन्य खजानों के साथ कोहिनूर को भाारत को वापस करे।
पीआईएल में विदेश मंत्रालय, यूके के उच्चायुक्त, पाकिस्तान और बांग्लादेश को पार्टी बनाया गया है। जिन खजानों को वापस करने की मांग की गई है, उनमें टीपू सुल्तान की अंगूठी, तलवार, बहादुर शाह जफर, झांसी की रानी आदि के कई आभूषण शामिल हैं।
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